Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Sep, 2017 10:51 AM
स्थानीय एक गांव में स्थित एक गुरुद्वारे में गलत तरीके से प्रवेश कर वहां रखे धार्मिक ग्रंथ एवं गुटकों को अग्नि भेंट कर उनकी बेअदबी करने तथा नकदी चोरी करने के एक मामले में स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज शिव मोहन गर्ग की अदालत ने गांव के ही 3...
अमृतसर(महेन्द्र): स्थानीय एक गांव में स्थित एक गुरुद्वारे में गलत तरीके से प्रवेश कर वहां रखे धार्मिक ग्रंथ एवं गुटकों को अग्नि भेंट कर उनकी बेअदबी करने तथा नकदी चोरी करने के एक मामले में स्थानीय अतिरिक्त जिला एवं सैशन जज शिव मोहन गर्ग की अदालत ने गांव के ही 3 आरोपियों को 6 अलग-अलग जुर्मों में 2-2 वर्ष से 7-7 वर्ष तक की कैद और कुल 7-7 हजार रुपए जुर्माने की भी सजा सुनाई। जुर्माना राशि न अदा करने पर उन्हें 15 दिनों से लेकर एक माह तक की अतिरिक्त कैद की सजा काटनी होगी।
जानकारी अनुसार, गांव राम दीवाली मुस्लमानां निवासी जगजीत सिंह पुत्र प्रकाश सिंह ने थाना मत्तेवाल ने बयान दर्ज करवाया था कि वह गांव में स्थित गुरुद्वारा बाबा जीवन सिंह के मुख्य गेट के बिल्कुल सामने करियाने की दुकान करता है। उसका घर गुरुद्वारे की पिछली दीवार के साथ ही है। 11 और 12 मार्च 2016 की मध्यरात्रि गुरुद्वारे के अंदर से शोर-शराबे तथा तोड़-फोड़ करने की आवाजें सुनाई दीं। इस पर उसने गांव के सरपंच कृपाल सिंह तथा गांव निवासी अवतार सिंह पुत्र चरण सिंह को सूचना दी।
इनके आने पर वे सभी चुपके से गुरुद्वारे के भीतर पहुंचे व अंदर से 3 आरोपियों को काबू कर लिया। इनमें से एक गुरु ग्रंथ साहिब को, दूसरा धार्मिक गुटकों को आग लगा रहा था, जबकि तीसरा नकदी चुराने के लिए एक लोहे की राड से गोलक तथा अलमारी को तोड़ रहा था। इनकी पहचान गांव निवासी प्रेम सिंह उर्फ टीटू पुत्र रतन सिंह, राजू मसीह उर्फ राजन पुत्र कुन्नन मसीह तथा शमशेर सिंह पुत्र लखविन्द्र सिंह के तौर पर की गई थी।
नया कानून लागू हुआ होता तो हो सकती थी और कड़ी सजा
धार्मिक ग्रंथों तथा गुटकों की बेअदबी किए जाने के मामलों को लेकर हालांकि सरकार ने भा.दं.सं. की धारा 295 एवं 295-ऐ में कड़ी सजा करने का प्रस्ताव भी पारित कर दिया था लेकिन इस कानून को अभी तक न्यायपालिका में लागू नहीं करवाया जा सका था। अगर यह नया कानून न्यायपालिका में लागू करवाया गया होता, तो सजा प्राप्त आरोपियों को इससे भी कड़ी सजा हो सकती थी।