Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Dec, 2017 10:14 AM
दोआबा के विभिन्न जिलों से संबंधित पंजाब के 6 नौजवान जो एजैंटों को मोटी रकम देकर अमरीका जा रहे थे, के कई दिनों से गुम होने का भेद इंगलैंड निवासी ने फोन करके खोला है। जालंधर जिला से संबंधित गांव चक्क पीर पुरा के निवासी सोढी सिंह बागडिय़ा ने संभावना...
फरीदकोट(हाली): दोआबा के विभिन्न जिलों से संबंधित पंजाब के 6 नौजवान जो एजैंटों को मोटी रकम देकर अमरीका जा रहे थे, के कई दिनों से गुम होने का भेद इंगलैंड निवासी ने फोन करके खोला है। जालंधर जिला से संबंधित गांव चक्क पीर पुरा के निवासी सोढी सिंह बागडिय़ा ने संभावना प्रकट की कि इन नौजवानों के साथ पंजाब व भारत के अन्य हिस्सों से गायब हुए विदेश जाने वाले नौजवान जमैका जेल में होंगे, जहां वह स्वयं भी डेढ़ वर्ष रह चुका है।
सोढी सिंह ने बताया कि वह भी एजैंटों द्वारा विदेश जाना चाहता था। उसे एजैंट 2004-05 में क्यूबा के रास्ते लंदन ले जा रहे थे तो जमैका में उसे व उसके 40 अन्य साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। अमरीका व इंगलैंड जाने के लिए सभी एजैंट यही रास्ता इस्तेमाल करते हैं। उसे जब इस जेल में बंद किया तो यहां डेढ़ वर्ष रखा गया। इस दौरान उन्हें खाने के लिए पशुओं का मीट ही दिया जाता था व लगातार अत्याचार किए जाते थे। इस जेल की सुधार कमेटियों के अधिकारी जब आते तो वे उनसे अपनी रिहाई या भारत में उनके परिवारों को सूचित करने बारे अनुरोध करते मगर उनकी सुनवाई नहीं होती थी। पशुओं का मांस खाने से इंकार करने पर कई-कई दिन भूखे रखा जाता व मरने के लिए छोड़ दिया जाता।
आखिर जीवित रहने के लिए मजबूर होकर यही मांस खाना पड़ता। डेढ़ वर्ष दौरान उन्हें जमैका की 3 विभिन्न जेलों में रखा गया, जहां उसने देखा कि पंजाबियों व गुजरातियों सहित कई अन्य राज्यों के नौजवान इन जेलों में गत कई वर्षों से बंद थे। अब तो स्थिति इससे भी बदतर होगी क्योंकि एजैंटों द्वारा विदेश जाने वालों की संख्या पहले की अपेक्षा अधिक बढ़ी है। सोढी सिंह बागडिय़ा ने कहा कि यह एजैंट दुबई, क्यूबा, जमैका व मियामी के रास्ते नौजवानों को अमरीका व इंगलैंड लेकर जाते हैं, इसलिए यह पक्का है कि गुम हुए नौजवान जमैका की जेल में ही होंगे।
उन्होंने पंजाब के उन परिवारों को अनुरोध किया जिनके बच्चे एजैंटों द्वारा अमरीका या इंगलैंड जाने के लिए रवाना हुए थे मगर अभी तक उनका पता नहीं चला तो वे सभी जमैका की जेलों के साथ सम्पर्क करें क्योंकि इस देश में वीजा भी आसान है। उन्होंने परिवारों को यह भी अनुरोध किया कि वे पंजाब व केन्द्र सरकार पर भी दबाव डालकर जमैका की जेलों में बंद नौजवानों बारे पता करवाएं।