Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Nov, 2017 02:51 AM
6 घंटे मलबे के नीचे दबे रहने के बाद 37 वर्षीय ड्राइवर को बचाव कार्य में लगी टीम ने जिंदा बाहर निकाला व उसे तुरंत एम्बुलैंस में सिविल अस्पताल भेजा गया जहां से सी.एम.सी. अस्पताल रैफर कर दिया गया। जानकारी देते हुए घायल सुनील कुमार निवासी मनजीत नगर ने...
लुधियाना(ऋषि): 6 घंटे मलबे के नीचे दबे रहने के बाद 37 वर्षीय ड्राइवर को बचाव कार्य में लगी टीम ने जिंदा बाहर निकाला व उसे तुरंत एम्बुलैंस में सिविल अस्पताल भेजा गया जहां से सी.एम.सी. अस्पताल रैफर कर दिया गया।
जानकारी देते हुए घायल सुनील कुमार निवासी मनजीत नगर ने बताया कि वह लगभग 4 वर्षों से फैक्टरी में काम कर रहा है। सुबह जब वह काम पर आया तो फैक्टरी में आग लगी देख मालिक के कहने पर बचाव कार्य में लग गया। जिस समय बिल्डिंग गिरी वह पहली मंजिल पर बने रोशनदान को तोडऩे का प्रयास कर रहा था, तभी एक जोरदार आवाज के बाद अंधेरा छा गया।
आवाज सुन आए मदद के लिए
घायल ने बताया कि वह पूरी तरह मलबे के नीचे दब गया और बाईं टांग और दाईं बाजू टूट गई। पहले धूल और बाद में अंधेरा नजर आ रहा था। वह मदद के लिए काफी चिल्लाया लेकिन कोई नहीं आया। शाम को उसके चिल्लाने की आवाज सुन बचाव कार्य में जुटे कर्मियों को पता चला तो उन्होंने पहले मशीन से ऊपर पड़े पत्थर तोड़ और फिर उसे बाहर निकाला। घायल के सिर में 7 टांके भी लगे हैं। घायल ने बताया कि जिस समय इमारत गिरी उसके साथ 6 से 7 लोग अंदर थे।
अस्पताल से फोन आने पर चला पता
घायल की मां राज ने बताया कि उन्हें तो पता ही नहीं था कि इतना बड़ा हादसा हो गया, हर रोज की तरह सुबह घर से काम पर गए बेटे का तो वह वापस आने का इंतजार कर रहे थे, तभी उन्हें अस्पताल से फोन आया। जब वह अस्पताल पहुंचे तो बेटे की हालत देख दंग रह गए।
फैक्टरी मालिक इंद्रजीत सिंह अस्पताल में भर्ती
देर शाम एमर्सन पॉलिमर फैक्टरी के मालिक इंद्रजीत सिंह गोला की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें लुधियाना के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इंद्रजीत सिंह की कुछ महीने पहले हार्ट सर्जरी हुई है और वह सोमवार फैक्टरी में आग लगने के बाद काफी देर तक लोगों के साथ राहत कार्यों में भी जुटे रहे।
हम सभी एक साथ आगजनी पर काबू पाने का प्रयास कर रहे थे, मैं साथ की बिल्डिंग पर खड़ा दीवार तोड़कर पानी की बौछार कर रहा था। 15 सैकेंड में इमारत नीचे गिर गई और उसकी आंखों के सामने ही अन्य फायरकर्मी दब गए।-हरगोबिंद्र सिंह, फायर कर्मी