Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 02:59 PM
डेरा सिरसा विवाद दौरान डेरे के समर्थकों द्वारा हिंसा भड़काने की वारदातों के मामले में अब तक जिले में से 59 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिनके.........
संगरूर (बेदी): डेरा सिरसा विवाद दौरान डेरे के समर्थकों द्वारा हिंसा भड़काने की वारदातों के मामले में अब तक जिले में से 59 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं जिनके पास से वारदातें करते समय प्रयोग किए 22 मोटरसाइकिल, 3 कार/जीप व 1 लाख 70 हजार की नकदी बरामद की गई। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए 45 मैंबर दूनीचंद व रणजीत सिंह ने कई हैरान कर देने वाले अहम खुलासे पुलिस के पास किए हैं।
एस.एस.पी. मनदीप सिंह सिद्धू ने बताया कि डेरा विवाद के चलते डेरा समर्थकों द्वारा जिले में विभिन्न स्थानों पर सरकारी मशीनरी को जलाने की घटनाओं के संबंध में 14 केस दर्ज किए गए थे व पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई दौरान इन घटनाओं के साजिशकर्ता दूनीचंद वासी शेरपुर को एक कार सहित काबू करके उससे 1 लाख 70 हजार नकद, पिसी हुई लाल मिर्ची व डेरे से संबंधित लिट्रेचर कब्जे में लिया गया।
एस.एस.पी. सिद्धू ने बताया कि पूछताछ दौरान दूनीचंद ने बताया कि दिड़बा के सतपाल टोनी का भाई राकेश कुमार गत लंबे समय से सिरसा डेरे में संत ब्रह्मचारी के तौर पर रह रहा है व डेरा प्रमुख के विश्वासपात्रों में से विशेष है। राकेश कुमार ने ही पंजाब में हिंसा भड़काने के लिए 8 व्यक्तियों की नियुक्ति की थी जिनमें दूनीचंद शेरपुर, मेजर सिंह ख्याला (मानसा), बलविंद्र सिंह बठिंडा, पृथ्वी चंद बाघा पुराना, गुरदेव सिंह बठिंडा, महिंद्रपाल सिंह कोटकपूरा, गुरदास सिंह कोट भाई बठिंडाव गुरजीत सिंह मोगा का चुनाव करके इस ग्रुप को टीम-ए का नाम दिया गया व स्वयं राकेश कुमार इस टीम का इंचार्ज बना। इस टीम का मुख्य उद्देश्य डेरा प्रमुख के खिलाफ फैसला आने पर पंजाब में हिंसा फैलाना था।
पत्रकारों के साथ बातचीत दौरान गिरफ्तार किए दूनीचंद व रणजीत सिंह ने बताया कि उनको अपने किए का बहुत पछतावा है व उस समय उनकी अक्ल पर पर्दा पड़ गया था। उन्होंने कभी भी नही सोचा कि वह जिसको ईश्वर मानते हैं व उसके लिए कुछ भी करने से पहले यह नही सोचते कि क्या अच्छा है व क्या बुरा, उसकी वास्तविकता सामने आने पर वे बहुत ज्यादा पछता रहे हैं।