पहले गैंगस्टर्स के 57 गिरोह सक्रिय थे अब मात्र 3-4 रह गए: रोहित चौधरी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jul, 2017 01:26 AM

57 gangs of first gangsters were active now only 3 4 rohit choudhary

पंजाब में सत्ता परिवर्तित होने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा अतिरिक्त पुलिस....

जालंधर(धवन): पंजाब में सत्ता परिवर्तित होने के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ए.डी.जी.पी.) रोहित चौधरी को कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार लाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। रोहित चौधरी ने नई जिम्मेदारी को चुनौती के रूप में स्वीकारा तथा पिछले 4 महीनों में उन्होंने प्रत्येक जिले का दौरा कर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकें कर उनका मनोबल बढ़ाया है जिस कारण आपराधिक घटनाओं पर विराम लगता हुआ दिखाई दे रहा है। इस संबंध में आज ए.डी.जी.पी. रोहित चौधरी से अहम विषयों को लेकर चर्चा की गई, जिसके प्रमुख अंश निम्नलिखित हैं- 

प्र. विधानसभा चुनाव से पूर्व दावा किया जा रहा था कि राज्य में 57 आपराधिक गैंग सक्रिय हैं। अब इनकी गिनती कितनी रह गई है?
उ. यह सही है कि पंजाब में पहले 57 आपराधिक गैंग तथा उनके 250 सदस्य काम कर रहे थे। अब राज्य में पुलिस द्वारा की गई सख्ती व पंजाब सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत आपराधिक गैंगों की गिनती मात्र 3-4 रह गई है तथा उनसे जुड़े सदस्यों की गिनती भी मात्र 24-25 तक रह गई है। 

प्र. अभी भी कई नामी गैंगस्टर पुलिस की पकड़ से बाहर हैं?
उ. इन गैंगस्टरों को पकडऩे के लिए पुलिस ने अपनी रणनीति बनाई हुई है तथा उसके लिए विशेष टीमें भी गठित की गई हैं। पकड़ से बाहर गैंगस्टरों के जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होने के आसार हैं, क्योंकि अब उन पर चारों तरफ से दबाव बढ़ा दिया गया है। 

प्र. कुछ गैंगस्टरों जैसे विक्की गौंडर के विदेश दौडऩे की सूचनाएं मिली हैं?
उ. इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, परन्तु पुलिस द्वारा बनाए गए दबाव के बाद अब प्रमुख गैंगस्टरों के सहयोगी आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार बैठे हैं। केवल चोटी के कुछ गैंगस्टर इधर-उधर छिपे बैठे हैं। वे इसलिए अब सामने नहीं आ रहे क्योंकि उनको अब कहीं से भी सहयोग मिलने के आसार नहीं हैं। 

प्र. गैंगस्टर के सहयोगियों में कई पहली बार भी आपराधिक घटनाओं में शामिल हुए हैं?
उ. यह सही है कि गैंगस्टर्स के कुछ सहयोगी पहली बार आपराधिक घटनाओं में आए हैं। नाभा जेल ब्रेक कांड में शामिल एक नौजवान जिसकी आयु मात्र 20-22 वर्ष थी वह पहली बार आपराधिक घटना में शामिल हुआ। अब इन नौजवानों को समझाया जा रहा है कि वे आपराधिक घटनाओं में शामिल होकर अपना जीवन बर्बाद न करें। गैंगस्टर्स या तो आत्मसमर्पण कर दें अन्यथा पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेगी। 

प्र. गैंगस्टर्स को लेकर पुलिस किस रणनीति पर चल रही है?
उ. इसके लिए दो सूत्रीय रणनीति बनाई गई है। ‘ए’ श्रेणी के गैंगस्टर्स की अलग सूची बनाई गई है। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए जी.ओ. स्तर के अधिकारी की ड्यूटी लगाते हुए उन्हें नोडल अफसर बनाया गया है। ‘बी’ श्रेणी के गैंगस्टर्स को पकडऩे के लिए विशेष अभियान चलाया गया है तथा उनके पारिवारिक सदस्यों के साथ सम्पर्क स्थापित किया गया है ताकि उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा में वापस लाया जा सके। 

प्र. कंट्रोल रूमों की हालत पहले सही नहीं थी व वहां से त्वरित कार्रवाई नहीं होती थी?
उ. यह जरूरी है कि जिलों में बने सभी कंट्रोल रूम आधुनिक संचार सुविधाओं से लैस हों। एस.एस.पीज. को कंट्रोल रूम की हालत सुधारने के लिए कहा गया है, क्योंकि कंट्रोल रूम पर ही आपराधिक घटनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। पुलिस अब  घटना के बारे में जानकारी मिलते ही तुरन्त कार्रवाई करेगी। अब यह सहन नहीं होगा कि घटना होने के बाद पुलिस देरी से पहुंची। 

प्र. पुलिस के कामकाज में सियासी दखलअंदाजी खत्म होने के भी अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं?
उ. यह सही है कि अब पुलिस के कामकाज में सियासी दखलअंदाजी नहीं है परन्तु इसके साथ-साथ जिस तरह से पिछले 4 महीनों में वह हर जिले व पुलिस थाने तक जा रहे हैं, उससे पुलिस का मनोबल बढ़ा है तथा गैंगस्टर पर पुलिस का दबाव बढ़ा है। 

प्र. अब पुलिस की नई रणनीति क्या है?
उ. पुलिस ने अब नई रणनीति के तहत पुराने केसों की फाइलें खोलनी शुरू कर दी हैं। जालन्धर में उन्होंने पुलिस कमिश्रर प्रवीण सिन्हा के साथ बैठक की, जिसमें पुराने स्नैचिंग के मामलों को हल करने के लिए कहा गया है। 5-6 स्नैचिंग के केस ऐसे थे जो मॉडल टाऊन इलाके में हुए। पुलिस अगर पुराने केस हल नहीं करेगी तो इसमें शामिल आपराधिक लोग नए सिरे से आपराधिक घटनाओं में पड़ जाएंगे, इसलिए पुराने लोगों को पकड़ कर सही रास्ते पर लाने की जरूरत है। 

प्र. कानून-व्यवस्था की हालत अब कैसी है?
उ. अब पहले जैसे बड़ी वारदातें नहीं हो रही हैं। छोटे-मोटे अपराध तो चलते रहते हैं परन्तु उन पर भी काबू पाने के लिए वे स्वयं अब फील्ड में जाकर पुलिस जवानों से मिल रहे हैं। इसके साथ ही वह जनता से भी मिल रहे हैं जहां से महत्वपूर्ण सूचनाएं मिल रही हैं। 

प्र. पुलिस में भी अनुशासनहीनता दिखाई देती है। उनसे निपटने के लिए कैसी रणनीति अपनाई गई है?
उ. पहले पिछले काफी समय से सोमवार को पुलिस की परेड का कार्य बंद कर दिया गया था परन्तु अब हर सोमवार को हर जिले में पुलिस की परेड को यकीनी बनाया गया है। इससे पुलिस में अनुशासन की बहाली हुई है। इसी तरह से जालन्धर में 40 ऐसे पुलिस जवानों की पहचान की गई थी जो या तो गैर-हाजिर रहते थे या फिर नशों में लिप्त थे। इन जवानों को एक सप्ताह के भीतर अनुशासन में बांध कर ड्यूटी में शामिल किया जा रहा है। इन्हें योगा करवाया जाएगा व परिवार के साथ बैठकें करवा कर काऊंसलिंग की जाएगी। इनके पुनर्वास के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। 

प्र. पहले पुलिस नाके कभी लगते थे तो कभी नहीं लगते थे?
उ. अब सभी पुलिस कमिश्नरों व एस.एस.पीज को कहा गया है कि वह रात के समय नाकों को लगवाएं तथा नाकों की स्वयं मौके पर जाकर चैकिंग करें। पुलिस थानों का भी रिकार्ड चैक किया जा रहा है। 

प्र. जालंधर में आर.एस.एस. नेता जगदीश गगनेजा तथा लुधियाना में इसाई पादरी की हत्या के पीछे क्या कारण हैं?
उ. आर.एस.एस. नेता जगदीश गगनेजा की हत्या की जांच सी.बी.आई. द्वारा की जा रही है परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि जिस गैंग ने गगनेजा की हत्या की उसी गैंग के सदस्यों ने लुधियाना में इसाई पादरी की हत्या की है। जल्द ही इन हत्याकांडों से पर्दा उठ जाएगा। 

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