एविएशन क्लब के 55 साल के बाद भी नहीं सुधरे हालात

Edited By Updated: 22 May, 2017 08:13 AM

55 years after aviation club not improved

देश के सबसे पुराने पटियाला एविएशन क्लब की स्थापना के 55 साल के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं। कई बार योजनाएं बनीं और बड़े-बड़े ऐलान भी हुए, परंतु पटियाला एविएशन क्लब के अच्छे दिन अभी तक नहीं आए।

पटियाला (बलजिन्द्र) : देश के सबसे पुराने पटियाला एविएशन क्लब की स्थापना के 55 साल के बाद भी हालात नहीं सुधरे हैं। कई बार योजनाएं बनीं और बड़े-बड़े ऐलान भी हुए, परंतु पटियाला एविएशन क्लब के अच्छे दिन अभी तक नहीं आए। हालांकि समय के साथ लगातार कुछ तरक्की भी हुई, परंतु अभी भी पटियाला एविएशन क्लब साधारण क्लबों में ही शामिल है। नियमों के मुताबिक 60 किलोमीटर के दायरे में नया अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट नहीं खुल सकता है। जहां तक एविएशन क्लब का सवाल है तो सरकारों ने जिस तरह से पटियाला एविएशन क्लब को अनदेखा किया है, उससे साफ है कि यहां भविष्य में कोई सुविधा मिलने वाली नहीं है। 

1962 में बना था पटियाला एविएशन क्लब
पटियाला एविएशन क्लब की स्थापना 1962 में हुई। इससे पहले महाराज भूपिंद्र सिंह ने अपना एयरक्राफ्ट खड़ा करने के लिए हैंगर बनाया हुआ था। जोकि 20वीं सदी के पहले दशक में बनाया। आजादी के बाद इसको सरकार ने अपने अधीन ले लिया और यहां सिविल एरोड्रोम बना दिया गया और प्रताप सिंह कैरों के पंजाब के मुख्यमंत्री होते हुए पटियाला एविएशन क्लब की शुरूआत की गई। जोकि देश के सबसे पुराने क्लबों में कहा जा सकता है। इस समय यहां पटियाला एविएशन क्लब, नार्दर्न इंडिया फ्लाइंग क्लब जालंधर और पंजाब एयरक्राफ्ट मैंटीनैंस एंड इंजीनियरिंग कालेज जैसी संस्थाएं चल रही हैं। जहां 4 वी.आई.पी. हैंगर भी हैं। यहां एयरक्राफ्ट के उड़ान भरने के अलावा पटियाला एविएशन क्लब में फ्लाइंग की ट्रेनिंग दी जाती है जबकि पंजाब एयरक्राफ्ट मैंटीनैंस एंड इंजीनियरिंग कालेज में विद्यार्थियों को अलग-अलग कोर्स करवाए जा रहे हैं। जालंधर क्लब को पिछले समय दौरान अमृतसर और पटियाला क्लबों में मर्ज कर दिया गया था, जबकि बीरमी एकैडमी बंद हो चुकी है।

आज तक नहीं बनी एविएशन एकैडमी
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह और कैप्टन कंवलजीत के ऐलान के बावजूद भी आज तक यहां एविएशन एकैडमी नहीं बनी जबकि यहां नियमों के मुताबिक एविएशन एकैडमी बन सकती है। 
यहां वी.आई.पी. हैंगरों के अलावा, एयरक्राफ्ट इंजन ओवरहाङ्क्षलग वर्कशाप, पटियाला एविएशन क्लब, नार्दर्न इंडिया फ्लाइंग क्लब जालंधर, पंजाब एयरक्राफ्ट मैंटीनैंस एंड इंजीनियरिंग कालेज भी हैं। इसके अलावा पुष्पक, सेसना और किंग एयर ट्विन इंजन एयरक्राफ्ट को रखने की सुविधा मौजूद है।

एविएशन क्लब के पास हैं 6 जहाज
पटियाला एविएशन क्लब के पास इस समय 6 जहाज हैं। 3 नए और 3 पुराने। क्लब में इस समय 15 विद्यार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं। उनको एक चीफ इंस्ट्रक्टर मलकीत सिंह और 2 महिला इंस्ट्रक्टर ट्रेंड कर रही हैं। क्लब में कुल 73 के करीब अलग-अलग श्रेणियों के इम्प्लाइज हैं।

संजय गांधी और राजीव गांधी से लेकर कैप्टन अमरेन्द्र सिंह करते थे यहां से फ्लाइंग
पटियाला एविएशन क्लब में स््व. संजय गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री कैप्टन सतीश शर्मा, केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी और रविइंद्र जैसी शख्सियतें यहां से प्लाइंग करते थे। पटियाला एविएशन क्लब पंजाब का ही नहीं बल्कि उत्तर भारत का मशहूर एविएशन क्लब था।

सरकार ने नहीं ली खबर
पंजाब सरकार ने पटियाला एविएशन क्लब की खबर सार नहीं ली। कई बार बड़े-बड़े ऐलान हुए और योजनाएं बनीं, परंतु क्लब ने जितनी तरक्की करनी थी वह नहीं हो सकी। लिहाजा आज भी पटियाला एविएशन क्लब साधारण क्लबों में ही शामिल है। काफी कोशिशों के बाद एविएशन क्लब पटियाला में नाइट फ्लाइंग लगभग डेढ़ साल पहले ही शुरू हुई है। 

पटियाला एविएशन क्लब के लिए सरकार करे स्पैशल ग्रांट जारी : कैप्टन मल्होत्रा
क्लब के पुराने विद्यार्थी कैप्टन के.के. मल्होत्रा ने कहा कि पटियाला एविएशन क्लब सबसे पुराना क्लब है। इसके बाद बाकी स्थानों पर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट तक बन गए और इसकी सरकार कोई खबर सार नहीं ले रही। जबकि यह क्लब देश को अब तक सैंकड़ों पायलट सौंप चुका है। इसलिए सरकार को पटियाला एविएशन क्लब को स्पैशल ग्रांट जारी करके इसको अंतर्राष्ट्रीय स्तर का क्लब बनाना चाहिए।

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