Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 09:48 PM
संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) के शारजाह शहर में 4 पंजाबियों समेत 5 भारतीयों की फांसी की सजा माफ हो गई है। फांसी से बचाए जाने का माफीनामा शारजाह अदालत में सरबत का भला चैरीटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डा. एस.पी. सिंह ओबराय द्वारा बीते महीने दाखिल...
पटियाला(राजेश): संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) के शारजाह शहर में 4 पंजाबियों समेत 5 भारतीयों की फांसी की सजा माफ हो गई है। फांसी से बचाए जाने का माफीनामा शारजाह अदालत में सरबत का भला चैरीटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डा. एस.पी. सिंह ओबराय द्वारा बीते महीने दाखिल किया गया था। उन्होंने बताया कि अदालत की तरफ से इनको 3 वर्ष की सजा सुनाई गई है। ओबराय ने आशा प्रकट की कि इनकी रिहाई जल्द हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इंडियन एम्बैसी के साथ मिलकर इन सभी को कुछ दिनों में भारत भेज दिया जाएगा।
दुबई से सरबत का भला चैरीटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी डा. एस.पी. सिंह ओबराय ने एक वीडियो मैसेज में बताया कि शारजाह में शराब के नाजायज धंधे में लिप्त लोगों के आपसी झगड़े में 4 नवम्बर 2011 को उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जिले के शेखूपुरा गांव के वरिंद्र चौहान का कत्ल हो गया था। बिहार के छपरा जिले के धर्मेंद्र, अमृतसर के अजनाला के रविन्द्र सिंह, नवांशहर के जींसरा गांव के गुरलाल, होशियारपुर जिले के मालपुर गांव के दलविंद्र सिंह और पटियाला के जस्सो माजरा गांव के एस. सिंह को 4 नवम्बर को वरिंद्र चौहान को मारने के आरोप में शारजाह की अदालत ने दोषी करार दिया था। सरबत का भला ट्रस्ट के प्रधान एस.पी.एस. ओबराय ने बताया कि मुजरिमों के मां-बाप ने उनके साथ संपर्क किया था।
जानकारी के अनुसार नाजायज शराब बेचने पर लड़ाई दौरान वरिंद्र की हत्या की गई थी। सभी मुजरिमों को अपराध के अगले दिन गिरफ्तार किया गया था और बाद में उनको कत्ल का दोषी पाया गया और मौत की सजा दी गई। तब से वे शारजाह जेल में बंद थे। अदालत ने उनको फांसी दिए जाने से पहले वरिंद्र चौहान के परिवार के साथ समझौता करने के लिए समय दिया था। वर्णनीय है कि डा. ओबराय की तरफ से ब्लड मनी का भुगतान करके अब तक 88 व्यक्तियों की जान बचाई गई है।