किसान कर्ज माफी की दूसरी किश्त जारी, कैप्टन बाेले पानी बचाअाे नहीं ताे रेगिस्तान बन जाएगा पंजाब

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Mar, 2018 03:09 PM

किसानों को कर्ज मुक्त करने के लिए पंजाब सरकार प्रयासरत है।

 जालंधर: सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सूबे में नदियाें का जलस्तर घटता जा रहा है, यदि जल्द ही पानी काे बचाने के प्रयास न किए गए ताे अाने वाले 50 सालाें में पंजाब रेगिस्तान में तबदील हाे जाएगा। उन्हाेंने किसानाें से अपील की कि वे एेसी फसलाें काे उगाने का प्रयास करें, जिनमें पानी का इस्तेमाल कम अाैर पैदावार से अामदनी ज्यादा हाे।  मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह ने पंजाब के लोगों को गुमराह करने की कोशिशों के लिए अकालियों पर बरसते हुए किसानों के साथ वायदा किया कि कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने चुनाव घोषणा पत्र में कर्जा माफी के लिए वायदे को पूरी तरह लागू किया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को नि:शुल्क बिजली मिलती रहेगी।

 


 मुख्यमंत्री राज्य के 10.25 लाख छोटे और सीमांत किसानों के लिए कर्जा माफी के दूसरे चरण के अंतर्गत आज यहां दाना मंडी में 29,192 किसानों को 162.16 करोड़ रुपए के कर्जा माफी सर्टीफिकेट बांटने के लिए रखे गए समागम दौरान किसानों को सम्बोधित कर रहे थे। आज के समागम में जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, फाजिल्का और फिरोजपुर के पात्र किसान को कर्जा माफी के सर्टीफिकेट दिए गए। 

 

किसानों कोस सर्टीफिकेट बांटने को कांग्रेस पार्टी द्वारा किसानों के साथ किए चुनावी वायदे को पूरा करने के प्रयत्नों का हिस्सा बताते हुए कैप्टन ने किसानों को भरोसा दिया कि कर्जा माफी में थोड़ी-बहुत देरी फंड की कमी के  कारण नहीं हो रही, बल्कि योग्य किसानों की शिनाख्त और तस्दीक की प्रक्रिया के  कारण हो रही है, परंतु उन्होंने स्पष्ट किया कि वे किसानों का कर्जा माफ करने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध हैं।


जब से कांग्रेस सरकार ने राज्य की बागडोर सम्भाली है तब से लेकर आत्महत्याएं घटी हैं, जिससे जुड़े तथ्य सरकार की तरफ से विधानसभा के आगामी सत्र में पेश किए जाएंगे। ट्यूबवैलों पर मीटर लगाने के मुद्दे पर अकालियों द्वारा उनकी सरकार खिलाफ किए जा रहे झूठे प्रचार की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने किसानों के मुफ्त बिजली वापस लेने के किसी भी प्रस्ताव को रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा राज्य के 13.5 लाख ट्यूबवैलों में से सिर्फ 900 ट्यूबवैलों पर मीटर लगाए जाने हैं, जो भू-जल को बचाने के उद्देश्य से खोज प्रोजैक्ट का हिस्सा हैं। इन मीटरों द्वारा किसानों को रियायत भी दी जएगी। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि  पानी के गिर रहे स्तर को रोकने के लिए तत्काल  कोई प्रयास न किया गया तो पंजाब को मरुस्थल बनने से कोई रोक नहीं सकेगा। उन्होंने पटियाला की मिसाल भी दी, जहां 30 वर्षों में भू-जल स्तर  70 फुट से गिरकर 700 फुट तक चला गया है। 


भारतीय जनता पार्टी के सांझीदार  अकालियों ने पंजाब के खजाने से केवल अपनी जेबें ही भरी हैं। इन दोनों पाॢटयों की मिलीभगत का सबूत इस तथ्य से मिलता है कि  हिमाचल प्रदेश में भाजपा के सत्ता में आते ही अकाली लीडरशिप ने इस राज्य में बसें चलानी शुरू कर दी हैं।  उन्होंने कहा कि छोटे और सीमांत किसानों के सहकारी बैंक कर्जा माफी के इस दौर के बाद अन्य बैंकों के कर्जे माफ किए जाएंगे। तीसरे दौर में 50 हजार किसानों को माझे में कर्ज माफी के सर्टीफिकेट दिए जाएंगे। 
इससे पहले समागम को सम्बोधित करते ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तृप्त राजिंद्र सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री कै. अमरेन्द्र सिंह के किसान हितैषी यत्नों की प्रशंसा करते हुए उनकी तुलना सर छोटू राम के साथ की। 

 

 

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