Edited By Updated: 24 May, 2017 03:16 PM
इंद्रकुमार गुजराल पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय (IKGPTU) जालंधर में डीन ऑफ़ रिसर्च एंड इनोवेशन एपी सिंह द्वारा जारी एक आदेश के बाद 422 पीएचडी विद्वानों का भविष्य अधर लटक गया है।
जालंधरः इंद्रकुमार गुजराल पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय (IKGPTU) जालंधर में डीन ऑफ़ रिसर्च एंड इनोवेशन एपी सिंह द्वारा जारी एक आदेश के बाद 422 पीएचडी विद्वानों का भविष्य अधर लटक गया है।
25 अप्रैल को जारी किए एक अादेश अनुसार सिंह ने कहा कि पीएचडी की डिगरी लेने के लिए या तो महाराजा रणजीत सिंह पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय (MRSPTU), भटिंडा या IKGPTU की गाईडलाईन ही अपनाए। हालांकि इनके गठन के समय पीएचडी विद्वानों को कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया था। पीएचडी विद्वानों का कहना है कि अब तक उन्होंने एक चरण का पाठ्यक्रम पूरा कर लिया है। इसके बाद उन्हें ये अादेश दिए गए। IKGPTU के अधिकारी के मुताबिक, यह निर्णय यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार लिए गए थे। पीएचडी छात्र हरजीत सिंह का कहना है कि अपने पाठ्यक्रम का काम पूरा करने के बाद इस समय में गाइड या विश्वविद्यालय बदलना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि IKGPTU के पाठ्यक्रम में दो विषय हैं लेकिन MRSPTU में एक अतिरिक्त प्रयोगशाला पाठ्यक्रम है।
MRSPTU का गठन 2015 में पंजाब सरकार द्वारा किया गया था और 11 जिलों के कॉलेज इसके साथ संबद्ध थे। IKGPTU और MRSPTU सूत्रों अनुसार विश्वविद्यालय जल्द ही विलय हो सकते हैं और इससे मुद्दों को सुलझाया जा सकता है। हालांकि, कोई भी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहा कि सरकार इस संबंध में कदम कब उठाएगी।