Edited By Updated: 04 Dec, 2016 12:12 AM
42 लाख की जाली करंसी मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि ...
मोहाली(राणा): 42 लाख की जाली करंसी मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि तीनों आरोपी सरकार को करंसी छापने के लिए कागज देने वाली मैसूर मिल के संपर्क में थे। बता दें कि देश में 4 मिल्स सरकार को कागज देती हैं। उधर, आरोपी अभिनव वर्मा, उसकी कजन बिशाखा और उनके साथी सुमन नागपाल को पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 2 दिन के रिमांड पर भेजा गया है। वहीं, तीनों आरोपियों ने जिन लोगों को 2000 के जाली नोट देकर पुरानी करंसी ली थी, उनमें से 3 लोग पुलिस के पास शिकायत दे चुके हैं। तीनों शिकायतकत्र्ताओं से 27 लाख की ठगी की गई है।
‘आई.एस.आई. से भी हो सकता है आरोपियों का लिंक ’
शनिवार को तीनों आरोपियों का रिमांड लेने के लिए पुलिस ने कोर्ट में तर्क दिया कि आरोपी अभिनव मैसूर कागज मिल के संपर्क में था। पूरे देश में सरकार 4 कागज मिल्स मैसूर, कोलकाता, नासिक व एक अन्य से कागज मंगवाती है। पुलिस ने अदालत के बाहर मीडिया को बताया कि तीनों आरोपियों का आई.एस.आई. से भी ङ्क्षलक हो सकता है इसलिए सभी पहलुओं पर काम किया जा रहा है। पुलिस ने आरोपियों का 3 दिन का रिमांड मांगा था। उन्होंने कहा कि आरोपी अभिनव ने अब तक 16 देशों की यात्रा कर अपने ङ्क्षलक्स बनाए हैं।
पुलिस ने कोर्ट में दलील दी कि आरोपी विदेशों में किन-किन लोगों के संपर्क में है, उसका सारा डाटा भी खंगालना होगा और इसके लिए पंजाब पुलिस का साइबर विभाग जांच करेगा और उन्हें आरोपी की ई-मेल आई.डी. के पासवर्ड व अन्य दस्तावेज जुटाने के लिए रिमांड चाहिए। उधर, बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि पुलिस ने उनके क्लाइंट को गत 28 नवम्बर को पकड़ा था जबकि एक दिन इन्हें गैर-कानूनी तरीके से कस्टडी में रखा।