Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Jul, 2017 12:05 PM
ड्रेन विभाग की लापरवाही कारण गांव जेठूके समेत आसपास के गांवों के किसानों की 400 एकड़ फसल (धान की फसल,नरमा,पशुओं का हरा चारा) लसाड़ा ड्रेन के प्रदूषित पानी के साथ डूब गई है और लगभग 100 प्रतिशत फसल का नुक्सान हो गया। ड्रेन से संबंधित अधिकारियों को इस...
तपा मंडी(गर्ग,शाम): ड्रेन विभाग की लापरवाही कारण गांव जेठूके समेत आसपास के गांवों के किसानों की 400 एकड़ फसल (धान की फसल,नरमा,पशुओं का हरा चारा) लसाड़ा ड्रेन के प्रदूषित पानी के साथ डूब गई है और लगभग 100 प्रतिशत फसल का नुक्सान हो गया। ड्रेन से संबंधित अधिकारियों को इस संबंधी अवगत करवाने के लिए किसानों ने फोन भी किए और मौका देखने के लिए भी कहा परन्तु कानों पर जूं नहीं रेंगी।
गुस्से में आए किसानों ने नैशनल हाईवे पर 2 घंटों के लिए जाम लगा दिया। इस जाम का नेतृत्व भाकियू डकौंदा और भाकियू उगाहूं ने संयुक्त तौर पर किया। धरने को संबोधित करते हुए ब्लाक प्रधान भाकियू डकौंदा बलविन्द्र सिंह फौजी जेठूके,ब्लाक नेता भाकियू उग्राहां के बेअंत सिंह जेठूके ने मांग की है कि तत्काल जमीनों की गिरदावरी करवाकर किसानों को लगभग 20 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए। धान की फसल बाकियों की अपेक्षा कम से कम 10 दिन पहले लगाने की मंजूरी दी जाए।
जे.सी.बी. का तुरंत प्रबंध करके लसाड़ा ड्रेन की सफाई शुरू करवाई जाए। इसके साथ ही गांव में पानी दाखिल होने से किसानों ने अपने खर्च पर जो जे.बी.सी लगाई उसका खर्चा संबंधित किसान को प्रशासन की तरफ से दिया जाए। यदि उक्त मांगों की तरफ ध्यान न दिया गया तो मजबूरन किसानों को तीखा संघर्ष करना पड़ेगा जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।