Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 May, 2017 09:53 AM
सिविल अस्पताल में रोगियों के इलाज के मामले में लचर रवैए की एक और बानगी आज सामने आई है। जानकारी के अनुसार सुबह 10 बजे के करीब निकटवर्ती गांव गुड़ा कलां में एक वृद्ध को पेड़ से गिर जाने के चलते सिविल अस्पताल लाया गया जहां डाक्टरों ने लम्बे समय तक उसकी...
पठानकोट(शारदा): सिविल अस्पताल में रोगियों के इलाज के मामले में लचर रवैए की एक और बानगी आज सामने आई है। जानकारी के अनुसार सुबह 10 बजे के करीब निकटवर्ती गांव गुड़ा कलां में एक वृद्ध को पेड़ से गिर जाने के चलते सिविल अस्पताल लाया गया जहां डाक्टरों ने लम्बे समय तक उसकी कोई सुध नहीं ली। बाद में पीड़ित परिवार ने इस बाबत एस.एम.ओ. से शिकायत की और दोपहर 2.30 बजे के करीब खुद एस.एम.ओ. ने मौके पर पहुंचकर घायल का उपचार किया। वृद्ध के बेटे अशोक कुमार ने कहा कि 4 घंटे तक डॉक्टरों द्वारा उनके पिता ध्यानचंद का उपचार नहीं किया गया जिसके चलते उनके पिता काफी देर तक दर्द से तड़पते रहे।
अशोक ने बताया कि वह अस्पताल में सुबह 10 बजे के करीब पहुंच गए थे जिसके बाद भी उन्हें लम्बे समय तक प्राथमिक उपचार तो मिल गया लेकिन मुंह में चोट ज्यादा आने से सर्जन की जरूरत थी। वह काफी देर तक सर्जन को ढूंढते रहे परन्तु सर्जन नहीं मिला। इसके बाद दोपहर को जाकर उसकी सर्जन से भेंट हुई। उन्होंने उक्त डाक्टर को अपने घायल पिता के उपचार हेतु आग्रह किया परन्तु उसने साफ इंकार कर दिया कि वह रोगी को नहीं देख पाएंगे।
पीड़ित अशोक ने अस्पताल प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि ऐसे लापरवाह डाक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इस संबंधी जब एस.एम.ओ. डा. भूपिंदर सिंह से जानकारी प्राप्त की गई तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आ गया है, दूसरा पीड़ित ने भी लिखित रूप से शिकायत दर्ज करवाई है। उन्होंने कहा कि उक्त डाक्टर के खिलाफ कार्रवाई हेतु उच्चाधिकारियों से मांग की जाएगी।
वर्णनीय है कि सिविल अस्पताल में कार्यरत उक्त डाक्टर के विरुद्ध पहले भी रोगियों व आम नागरिकों के साथ बदसलूकी के मामले व शिकायतें सामने आई हैं। कई बार तो मीडिया से जुड़े लोग भी डा. पवन अत्री के रवैए व अभद्र व्यवहार का शिकार हुए हैं। इसकी शिकायतें अस्पताल प्रबंधन को की गई हैं। इसके बावजूद उक्त सर्जन का आम जनता के प्रति रवैया रूखा है।