Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Aug, 2017 09:52 AM
हाईकोर्ट ने पेयजल को कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह से रोक लगाते हुए पुडा को समस्या हल करने के आदेश दिए थे। इसके बाद अर्बन एस्टेट फेज 1में स्थित पानी वाली टंकी की जगह पर 30 लाख रुपए खर्च करके कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए पानी मुहैया करवाया...
पटियाला(प्रतिभा): हाईकोर्ट ने पेयजल को कंस्ट्रक्शन में इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह से रोक लगाते हुए पुडा को समस्या हल करने के आदेश दिए थे। इसके बाद अर्बन एस्टेट फेज 1में स्थित पानी वाली टंकी की जगह पर 30 लाख रुपए खर्च करके कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए पानी मुहैया करवाया था।
सीवरेज ट्रीटमैंट प्लांट के वेस्ट पानी का लिंक इस ट्यूबवैल के साथ जोडने के बाद जैनरेटर की सुविधा दी थी ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत पानी मिल सके। इसकी कीमत भी 500 रुपए से कम रखी गई थी। इस्तेमाल न होने से यह प्रोजैक्ट कबाड़ में तबदील हो चुका है। पुडा के ठेकेदार ने फेज की पार्किंग के काम में पेयजल का इस्तेमाल किया था। अब इस जगह पर लोग मोटरसाइकिल खड़े कर रहे हैं।
2 साल पहले शुरू हुआ था प्रोजैक्ट
पुडा द्वारा यह प्रोजैक्ट 2 साल पहले शुरू किया गया था, क्योंकि कंस्ट्रक्शन के चलते पानी की डिमांड ज्यादा बढ़ गई थी।वहीं हाईकोर्ट के भी निर्देश थे कि पीने वाले पानी को कंस्ट्रक्शन में वेस्ट न किया जाए। ऐसे में पुडा अथॉरिटी ने कोर्ट के निर्देशों के बाद इस योजना को शुरू किया था, पर यह योजना भी बहुत ज्यादा दिन तक नहीं चली और लोग फिर भी लगातार पीने के पानी का इस्तेमाल अलग-अलग कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए कर रहे हैं।
6 हजार मकान और 5000 गैलन पानी रोज की जरूरत
अर्बन एस्टेट में 6 हजार के करीब मकान बने हुए हैं और यहां हर रोज रूटीन के हिसाब से 5 हजार गैलन पानी की जरूरत होती है। गर्मियों में तो डिमांड इससे भी ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में कंस्ट्रक्शन वर्क के लिए भी इसी पानी का इस्तेमाल होता है। इसी वजह से 30 लाख रुपए लगाकर पुडा ने इस प्रोजैक्ट को लगाया था, जिसमें सीवरेज के पानी को ट्रीट करके साफ किया जाता था और इसे कंस्ट्रक्शन के लिए प्रयोग किया जाता था।
अर्बन एस्टेट में 12 के करीब ट्यूबवैल हैं और इनमें से 2 ट्यूबवैल जमीन के नीचे पानी की कमी की वजह से बंद हो चुके हैं। ऐसे में पानी को बचाने के लिए जो एक कोशिश पुडा ने की थी, वह प्रोजैक्ट भी कबाड़ में बदल चुका है। प्रोजैक्ट फ्लॉप हो चुका है पर अथॉरिटी इसे रिवाइव करने के लिए कुछ भी नहीं कर रही है।
500 रुपए से कम रेट तय थे टैंकर के
इस प्रोजैक्ट के तहत सीवरेज ट्रीटमैंट वाटर टैंकर की कीमत पुडा ने 500 रुपए से कम रखी थी। प्रोजैक्ट फ्लॉप हो गया और अब फिर से लोग पीने के पानी से ही कंस्ट्रक्शन कर रहे हैं। आए दिन मकान व अन्य जगहों का निर्माण हो रहा है। कमॢशयल साइट्स भी काफी हैं और वहां भी काम चलता रहता है। ऐसे में पुडा को फिर से इस प्रोजैक्ट को रिवाइव करने के बारे में सोचना होगा।
दोबारा शुरू करवाया जा सकता है प्रोजैक्ट : ए.सी.ए.
वहीं इस मामले में ए.सी.ए. हरप्रीत सिंह सूदन ने कहा कि वह अभी नए आए हैं और इस मामले को चैक करवाते हैं। सारी जांच के बाद इस प्रोजैक्ट को दोबारा भी शुरू करवाया जा सकता है।