जालंधर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के 4.32 करोड़ के घोटाले में 3 गिरफ्तार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Sep, 2017 07:34 AM

3 arrested in jalandhar improvment trust scam

94.97 एकड़ सूर्या एन्क्लेव एक्सटैंशन स्कीम के अंतर्गत आती जमीन के फर्जी मालिक खड़े कर 4.32 करोड़ रुपए की ठगी करने के आरोप में विजीलैंस ने 3 व्यक्तियों को काबू किया है। इनमें संदीप शर्मा निवासी प्रीत नगर, जोकि .................

जालंधर (पुनीत/ प्रीत): 94.97 एकड़ सूर्या एन्क्लेव एक्सटैंशन स्कीम के अंतर्गत आती जमीन के फर्जी मालिक खड़े कर 4.32 करोड़ रुपए की ठगी करने के आरोप में विजीलैंस ने 3 व्यक्तियों को काबू किया है। इनमें संदीप शर्मा निवासी प्रीत नगर, जोकि मदन लाल जमीन मालिक के स्थान पर पैसे लेने के लिए खड़ा हुआ था व तरलोक सिंह बिट्टू निवासी हरगोङ्क्षबद नगर, जोकि मनोहर लाल के स्थान पर पैसे लेने के लिए जमीन मालिक बन कर खड़ा हुआ था, शामिल हैं। इन 2 मुख्य आरोपियों के अलावा एक अन्य व्यक्ति जतिन्द्र शर्मा निवासी अमन नगर को काबू किया गया है, जिसने गारंटर बन कर अकाऊंट खुलवाए थे।

इस पूरे घटनाक्रम में विजीलैंस ने 4 आरोपियों के चित्र जारी किए थे, जिनमें से 2 काबू कर लिए गए हैं, जबकि 2 अन्य अभी भी फरार हैं जिनकी तलाश में लगातार छापेमारी की जा रही है। विजीलैंस के इंस्पैक्टर सुखविंद्र सिंह ने बताया कि संदीप व तरलोक के अकाऊंट में 60-60 लाख रुपए फ्रॉड के साथ डाले गए थे, जिन्हें आरोपियों ने बाद में निकलवा लिया था। उन्होंने बताया कि जमीन एक्वायर करने की एवज में ट्रस्ट द्वारा जो राशि दी गई, उसमें फर्जी लोगों को खड़ा कर कुल 4.32 करोड़ रुपए का घपला किया गया, जिसमें ट्रस्ट का पटवारी सुखदेव सिंह मास्टरमाइंड बताया जाता है।

एस.डी.एम. इकबाल संधू की जांच के बाद बारादरी थाने की पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, लेकिन इस मामले में अभी तक कोई रिकवरी नहीं हो पाई है। अकाली सरकार के समय इस घपले पर कई वर्षों तक चली जांच के बाद रिकवरी संबंधी कोई नतीजा सामने नहीं आया, लेकिन सिद्धू द्वारा की जा रही सख्ती से ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस मामले में आने वाले समय में और कई परतें खुल सकती हैं। 

सिद्धू के निशाने पर जालंधर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट
ट्रस्ट में घोटालों को लेकर सिद्धू द्वारा सख्त हिदायतें जारी की गई हैं जिसके चलते अधिकारी एक्शन में नजर आ रहे हैं। अमृतसर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट के पूर्व डी.सी.एफ.ए. (डिप्टी कंट्रोलर फाइनांस एवं अकाऊंट्स) दमन भल्ला व उसके 6 साथियों पर फर्जी बैंक खाते खोल कर करोड़ों रुपए का घोटाला करने के आरोप हैं। दमन भल्ला का जून में जालंधर तबादला किया गया था। 10 सितम्बर को निकाय मंत्री सिद्धू ने दमन भल्ला सहित 7 कर्मचारियों को सस्पैंड कर उनके खिलाफ धोखाधड़ी का पर्चा दर्ज करवाया है। इस पूरे घटनाक्रम में अमृतसर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में फर्जी खाते खोल कर 80 करोड़ रुपए के घपले का पर्दाफाश हुआ है, जिसके बाद जालंधर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट भी सिद्धू के निशाने पर है। 

इसका मुख्य कारण यह है कि दमन भल्ला अमृतसर के बाद जालंधर में ड्यूटी पर था। इस क्रम में 4 सितम्बर को निकाय विभाग के सी.वी.ओ. (चीफ विजीलैंस आफिसर) ने इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में छापा मार कर दमन के कार्यकाल के समय की कैशबुक अपने कब्जे में ली थी। इसके उपरांत 8 सितम्बर को निकाय विभाग के डायरैक्टर की टीम ने जालंधर में चैकिंग कर दमन भल्ला से संबंधित रिकार्ड खंगाला था। जालंधर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट में जिस तरह विजीलैंस व निकाय विभाग द्वारा जांच करवाई जा रही है उससे ऐसी संभावनाएं हैं कि जालंधर ट्रस्ट को लेकर अधिकारियों के हाथ कुछ सबूत लगे हैं। 

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