Edited By Updated: 28 Dec, 2016 12:48 PM
शाही शहर पटियाला की स्थापना 1763 ई. में बाबा आला सिंह द्वारा गई थी। जब उन्होंने किला मुबारक की नींव रखी थी। करीब उस समय ही
पटियाला (परमीत) : शाही शहर पटियाला की स्थापना 1763 ई. में बाबा आला सिंह द्वारा गई थी। जब उन्होंने किला मुबारक की नींव रखी थी। करीब उस समय ही अस्तित्व में आई मानी जाती शहर की ‘छोटी नदी’ को पक्का करने का प्रोजैक्ट इसके अस्तित्व में आने के 250 वर्ष बाद शुरू हो गया है। 4.25 किलोमीटर लंबी इस नदी के लिए 13 करोड़ रुपए की लागत के साथ मुकम्मल होने वाले इस प्रोजैक्ट की वजह से जहां शहर को बरसात के मौसम में आती बाढ़ की मार से छुटकारा मिलेगा, वहीं इसके साथ हरियाली पट्टी भी विकसित करने की योजना है।
13 करोड़ के प्रोजैक्ट की पहली 3 करोड़ की किस्त मिली
पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की तरफ से पटियाला देहाती हलके में संगत दर्शन प्रोग्राम करने के दौरान शहर के पार्षदों ने एडवोकेट सतबीर सिंह खटड़ा के नेतृत्व में उनके पास इस मसले की फरियाद की थी जिसके बाद इस प्रोजैक्ट की रूपरेखा तय हुई। पंजाब सरकार ने 13 करोड़ के इस प्रोजैक्ट की पहली 3 करोड़ रुपए की किस्त डिप्टी कमिश्रर पटियाला के पास भेज दी है। पहले पड़ाव का काम शुरू हो गया है।
गंदगी के लिए प्रसिद्ध हो गई नदी
शहर की छोटी नदी गंदगी के लिए प्रसिद्ध हो गई थी। रेलवे स्टेशन से अगली तरफ आजाद नगर के पास से शुरू होकर शहर के सूलर इलाके के नजदीक बड़ी नदी में जा मिलती इस नदी में गंदगी के अंबार लग गए थे। कुछ गंदगी यहां कुदरती तौर पर बन गई थी और रहती कसर लोगों ने कूड़ा फैंक कर पूरी कर दी थी।
6 महीनों में काम मुकम्मल करने का लक्ष्य
ड्रेनेज विभाग के कार्यकारी इंजीनियर दविंद्र सिंह ने बताया कि प्रोजैक्ट को 6 महीनों में मुकम्मल करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रोजैक्ट के अंतर्गत 4.25 किलोमीटर में से करीब 1.25 किलोमीटर में बैरल बनाया जाना है। बैरल यानी इसका जमीनी स्तर पर कंक्रीट का बनेगा जिसके आसपास पक्की लाइनिंग होगी। इसके बाद में अगला हिस्सा जमीनी स्तर पर कच्चा रहेगा, जबकि आसपास लाइनिंग पक्की होगी। कुल मिला कर सारी नदी को पक्का किए जाने की योजना है। उन्होंने बताया कि इस समय कीचड़ निकालने का काम चल रहा है और नदी को मौजूदा स्तर से तकरीबन अढ़ाई फुट नीचे तक खुदाई करके कीचड़ अच्छी तरह निकाला जाएगा।
पहले ऐसे दो प्रोजैक्ट हो चुके हैं तैयार
पटियाला शहर में इस तरह गंदगी दूर करके वातावरण पार्क बनाने के दो प्रोजैक्ट पहले ही मुकम्मल हो चुके हैं। पहले थापर कालेज से गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब तक आते रजबाहे के साथ-साथ वातावरण प्रोजैक्ट तैयार किया गया था। इसके उपरांत थापर कालेज से नाभा रोड पर भाखड़ा तक जाते रजबाहे के साथ-साथ वातावरण पार्क तैयार किया गया जो अब मुकम्मल होने के नजदीक है।
बनेगा वातावरण पार्क
इस प्रोजैक्ट के अंतर्गत जहां नदी को पक्का किए जाने की तजवीज है, वहीं इसके साथ-साथ वातावरण पार्क बनाए जाने की भी तजवीज है। इस तरह यह जगह जहां पहले लोगों के निकलने के लिए कठिन हो गई थी, वहीं अब साफ-सुथरे वातावरण की वजह से सैरगाह के तौर पर काम करना शुरू कर देगी।