Edited By Punjab Kesari,Updated: 29 Jun, 2017 10:46 AM
विदेश में फंसे युवकों को वापस बुलाने के लिए प्रयासरत अाम अादमी पार्टी के प्रधान भगवंत मान ने एक बार फिर 20 युवकों को सऊदी अरब से वापस लाने में मदद की। इस मुद्दे पर मान अाज युवकों को साथ ले जालंधर प्रैस क्लब पहुंचे जहां उन्होंने पंजाब सरकार से...
जालंधर (बुलंद) : आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रधान भगवंत मान ने आज एक प्रैस कांफ्रैंस में कहा कि एजैंटों के धोखे के शिकार 20 नौजवानों को वे वापस वतन लाने में कामयाब हुए हैं। मान ने कहा कि इन नौजवानों ने एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाली थी और कहा था कि यह वीडियो भगवंत मान तक पहुंचा दो। उन्होंने कहा कि जब यह वीडियो उनके पास पहुंची तो उन्होंने युवकों से उनके पासपोर्ट की कापियां मंगवाईं और सारी फाइल तैयार करके वह विदेश मंत्रालय में सुषमा स्वराज के पास पहुंचे और सारा मामला बताया। विदेश मंत्रालय के सहयोग से सारे युवाओं को सुरक्षित वापस लाया जा सका।
मान ने कहा कि इन युवाओं की समस्या की जड़ पंजाब की बेरोजगारी और अवैध ट्रैवल एजैंट हैं। वापस लाए गए युवाओं में राजस्थान, यू.पी. और हरियाणा के लड़के भी शामिल हैं। इस मौके युवाओं ने कहा कि उन्होंने अपने साथ हुए इस धक्के बारे पहले सांसद विजय सांपला से संपर्क किया था पर वहां से कोई रिस्पांस न मिलने के बाद उन्होंने भगवंत मान से संपर्क साधा।
इस मौके पर सऊदी अरब से वापस आए होशियारपुर के गांव चब्बेवाल के चरणजीत कुमार ने बताया कि चब्बेवाल के ही एक राजू नामक एजैंट ने उनसे डेढ़ लाख रुपए लिए और मुंबई की अल अमर नामक कंपनी के पास उन्हें भेजा और वहां से उस कंपनी ने उन्हें सऊदी अरब भेजा। चरणजीत ने कहा कि उन्हें ड्राइवर के तौर पर भेजा गया था पर वहां उन्हें सऊदी अरब की कंपनी अल वतनीया में पोल्ट्री फार्म पर लेबर का काम दिया गया पर काम भी 10 लोगों को ही मिला। हमें एक कमरे में बिठाकर रखा गया, वेतन के एग्रीमैंट में उनकी सैलरी 1700 रियाल तय हुई थी पर सऊदी अरब जाकर 1100 रियाल पर साइन कराए गए पर काम न मिलने के कारण 1100 रियाल भी नहीं दिए और कहा कि अगर भारत वापस जाना है तो डेढ़ लाख रुपए दो। अगर लेबर नहीं की तो रोटी नहीं मिलेगी।
जब हमने पंजाब में एजैंटों से बात की तो उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख रुपए दो तो ही वापस भारत आ पायोगे। फिर जब उन्होंने मान से संपर्ककिया तो उनकी आवाज सुनी गई। न तो कांग्रेस न ही भाजपा के किसी नेता ने उनकी मदद के लिए हाथ आगे किया। उन्होंने कहा कि हमारे परिवार ने भाजपा के सांसद सांपला से कई बार संपर्क किया और उनसे कई बार बात करनी चाही पर संपर्क नहीं हो पाया अगर वह साथ देते तो उन्हें संगरूर मान के पास न जाना पड़ता।
उन्होंने बताया कि सऊदी अरब में वह हजारों भारतीय बुरे हालात में जीवन जीने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जब मुंबई की कंपनी वाले हमें छुड़वाने आए तो कहा कि हमें लिखकर दो कि भारतीय अम्बैसी, भगवंत मान या किसी के साथ कोई संपर्कनहीं है सिर्फ हमारी कंपनी ही आपको छुड़वा रही है पर हम लोगों ने ऐसा करने से इंकार किया। आखिर भारतीय अम्बैसी के दबाव में हमें वापस लाया गया। उन्होंने कहा कि कमरे में 26 लड़के रखे गए थे और खटमलों से भरी खटिया पर सोना पड़ता था। अन्य युवाओं ने कहा कि आज भी उनके शरीर पर खटमलों के काटने के निशान हैं।
मान ने कहा कि सऊदी अरब में कई युवाओं की लाशें पड़ी हैं जो अपने परिवार तक नहीं पहुंच पा रहीं। एक व्यक्ति की एक टांग कट चुकी है पर वह अपने देश नहीं आ पा रहा। मान ने कहा कि युवाओं के पास असली पासपोर्ट नहीं होते तो वहां की लेबर कोर्ट इनकी सुनवाई नहीं करती। ऐसे में भारतीय अम्बैसी प्राप्त कागजात के आधार पर ट्रैवल एजैंसी पर दबाव डालकर ऐसे युवाओं को वापस लाती है। मान ने कहा कि यह मामला वह संसद में उठाएंगे कि ऐसे धोखेबाज एजैंटों के लाइसैंस रद्द किए जाएं ताकि मानव तस्करी रुक पाए। मान ने कहा कि वह इन युवाओं को लेकर कैप्टन अमरेंद्र से मिलेंगे और मांग करेंगे कि इन युवाओं के साथ हुए धोखे की जांच करवाई जाए, इनके पैसे वापस दिलाए जाएं, अवैध एजैंटों पर लगाम कसी जाए, जो कैप्टन ने बेअंत सिंह के घर से नौकरियां देने का काम शुरू किया है उसे आम लाखों लोगों तक भी पहुंचाया जाए।
मान ने कहा कि इससे पहले भी वह 20 के करीब युवाओं की लाशें सऊदी अरब से मंगवा चुके हैं, जो बेहद दर्दनाक हैं। हमारे लोगों की लाशें विदेशों में भटक रही हैं ओर घर वाले अंतिम रस्मों के लिए इंतजार में बैठे हैं। ऐसे में पंजाब सरकार और भारत सरकार को अहम कदम उठाने की जरूरत है। मृतकों की लाशें भारत लाने के लिए कोई नेता गरीब परिवारों की मदद नहीं कर रहा। चरणजीत ने कहा कि चब्बेवाल के ही नीतपुर के एक युवक राकेश कुमार की लाश आज तक अपने देश नहीं आ सकी।