Edited By Updated: 09 Apr, 2017 01:56 PM
1984 के सिख दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्टलड़ाई लड़ रहे पंजाब के आप विधायक और विपक्ष नेता एच.एस. फूलका ने ओन्टारियो विधानसभा में पारित उस प्रस्ताव का समर्थन किया है जिसमें सिख विरोधी दंगों को सिख नरसंहार माना गया है।
लुधियानाः1984 के सिख दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्टलड़ाई लड़ रहे पंजाब के आप विधायक और विपक्ष नेता एच.एस. फूलका ने ओन्टारियो विधानसभा में पारित उस प्रस्ताव का समर्थन किया है जिसमें सिख विरोधी दंगों को सिख नरसंहार माना गया है।
फूलका ने कहा कि हिंदुओं ने सिखों को नहीं मारा। बल्कि यह तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा सिखों के खिलाफ चली गई चाल थी। यही कारण है कि दंगा सिखों-हिंदूओं के बीच नहीं। कांग्रेस और सिखों के बीच हुआ था। इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है कि दंगों के दौरान उन्हें तथा उनके परिवार की रक्षा हिंदु मकान मालिक ने ही की थी। इसके बाद उन्हें सुरक्षित पंजाब भेज दिया गया। अगर उनके मकान मालिक उनकी मदद न करते तो आज वह तथा उनका परिवार जीवित नहीं होता। हिंदूओ ने कई सिख परिवारो की जान बचाई थी। उस समय कांग्रेस सरकार ने तो बहुत कोशिश की थी कि कोई भी सिख परिवार बच न पाए। फूलका ने कहा कि इस नरसंहार मानकर के लिए जिम्मेदार आरोपियों को कठोर से कठोर सजा दी जानी चाहिए।उल्लेखनीय है कि कनाडा के ओंटारियो प्रांत की विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर भारत में 1984 में हुए दंगों को आधिकारिक तौर पर सिख नरसंहार माना है।