Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jul, 2017 04:23 PM
एक साल तक कानूनी लड़ाई लड़ जिन जूनियर इंजीनियरों ने पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.अौर ट्रांसको)में नौकरी पाई थी वे अब नौकरी छोड़ रहे हैं।
जालंधरः एक साल तक कानूनी लड़ाई लड़ जिन जूनियर इंजीनियरों ने पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (पी.एस.पी.सी.एल.अौर ट्रांसको)में नौकरी पाई थी वे अब नौकरी छोड़ रहे हैं। 16 जेई ने इस्तीफा दे दिया है तो कई देने की तैयारी में हैं। हैरानी की बात यह है कि उनकी नौकरी छोड़ने का कारण अपने ही सबॉडिनेट से कम वेतन मिलना व उनसे कहीं ज्यादा काम लेना है।
पी.एस.पी.सी.एल.कई सालों से स्टाफ की कमी से जूझ रहा है। बीते कई सालों से सैक्शन पोस्ट पर अाधे स्टाफ से भी कम से काम चलाया जा रहा है। पी.एस.पी.सी.एल ने 2015 में स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए 450 जेई की नियुक्ति करने की प्रक्रिया शुरु की थी,जो 2016 में पुरी हुई लेकिन मौजूदा जेई स्टाफ ने अक्तूबर 2015 में हरियाणा हाईकोर्ट में नए जेई की स्थायी नियुक्ति को लेकर रिट दायर कर दी थी। इस कोर्ट ने दिसंबर 2016 में खारिज कर जेईज को नियुक्ति पत्र देने के अादेश दिए थे।
इसके बाद 450 जूनियर इंजीनियरों ने नौकरी ज्वाइन की,लेकिन उनमें से 16 चार-पांच महीने के अंदर ही इस्तीफा दे गए। अॉल इंडिया फेडरेशन अॉफ पावर डिप्लोमा इंजीनियरिंग के सैक्रेटरी अौर एडवाइजर अॉफ काऊंसिल अॉफ जेई पंजाब जसवंत राय ने भी इस बात की पुष्टि की कि 4-5 महीने केे अंदर नवनियुक्त 16 जेईज नौकरी से इस्तीफा दे चुके हैं जबकि कई अन्य इस्तीफा देने की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जेईज को अपने ही जूनियर्स से कई गुणा कम वेतन पर कहीं ज्यादा काम करना पड़ रहा है।