Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Aug, 2017 11:46 AM
गत कुछ दिनों से पहाड़ी व उत्तरी भारत में हो रही भारी बारिश उपरांत ब्यास दरिया में पानी का स्तर बढऩे से टापूनुमा मंड क्षेत्र के 16 गांवों में संभावित बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
सुल्तानपुर लोधी (धीर): गत कुछ दिनों से पहाड़ी व उत्तरी भारत में हो रही भारी बारिश उपरांत ब्यास दरिया में पानी का स्तर बढऩे से टापूनुमा मंड क्षेत्र के 16 गांवों में संभावित बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। ब्यास दरिया में आए पानी में एक दम पानी का स्तर बढऩे के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पलटून ब्रिज खुलने उपरांत पहले ही मुश्किलों में घिरे किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
बताते चलें कि ब्यास दरिया में पानी का स्तर बढऩे कारण अब दरिया के किनारों का कटाव शुरू हो गया है व कई गांवों में पानी दाखिल भी हो गया है। पानी का स्तर बढऩे कारण किसानों द्वारा बनाए अस्थायी बांध टूटने लगे हैं व ब्यास दरिया के पानी ने हजारों एकड़ धान की फसल को अपनी लपेट में ले लिया है। इतना ही नहीं पशुओं का हरा-चारा व अन्य सब्जियां भी पानी की मार तले आ गई हैं। वहीं किसानों मुताबिक अगर पानी का स्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो टापूनुमा मंड क्षेत्र के सभी 16 गांव पानी में डूब जाएंगे।
क्या कहना है एस.डी.एम. का
इस संबंधी एस.डी.एम. सुल्तानपुर लोधी डा. चारूमिता ने कहा कि प्रशासन पूरी तरह बाढ़ की संभावित स्थिति पर नजर रख रहा है। उन्होंने कहा कि विधायक नवतेज सिंह चीमा व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह के साथ भी इस संबंधी बात हो चुकी है व उनसे हरिके से पानी रिलीज करवाने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि अभी स्थिति कंट्रोल में है व अगर 2-3 दिन बारिश न हुई तो कोई भी खतरा नहीं है।
फिलहाल अभी तक कोई खतरे वाली बात नहीं : ड्रेनेज विभाग
इस संबंधी ड्रेनेज विभाग के अधिकारी अनिल कालिया ने कहा कि अब तक दरिया ब्यास में 20,000 क्यूसिक पानी है व जब 60,000 क्यूसिक पानी हो जाता है फिर खतरा बढ़ता है। फिलहाल अभी तक कोई खतरे वाली बात नहीं है। उन्होंने कहा कि विभाग ने बरसात के मौसम से पहले ही इन गांवों में स्टड लगा दिए थे व बाकी मंड गुजरपुर के लिए डिप्टी कमिश्नर साहिब ने फंड के लिए कहा हुआ है। जब फंड आ गए तो वहां भी काम शुरू कर देंगे।
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा कंट्रोल रूम बनाया गया है जो 24 घंटे खुला है व हर पल की रिपोर्ट ली जा रही है। उन्होंने कहा कि बरसात के पानी से दरिओं का स्तर बढ़ता-घटता रहता है और इसका असर 4 से 5 घंटेही रहता है फिर अपने आप ठीक हो जाता है।