Edited By Updated: 24 Feb, 2017 10:42 AM
आयकर विभाग ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है जिन्होंने नोटबंदी के ....
चंडीगढ़(संघी): आयकर विभाग ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है जिन्होंने नोटबंदी के बाद खातों में 15 लाख रुपए या इससे अधिक की राशि जमा करवाई है। अब तक ऐसे 40 खाताधारकों पर कार्रवाई की भी जा चुकी है। इनमें से 29 पंजाब, 9 हरियाणा व 2 मामले चंडीगढ़ से संबंधित हैं।
आयकर विभाग के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के प्रधान मुख्य आयुक्त के.सी. जैन ने आज पत्रकार सम्मेलन में बताया कि पूरे देश में ऐसे लगभग 15 लाख लोगों को नोटिस जारी कर स्रोत की जानकारी मांगी थी लेकिन 50 प्रतिशत ने ही नोटिस का जवाब दिया है। उत्तर-पश्चिम क्षेत्र से 15 हजार ऐसे मामले हैं जिन्होंने स्रोत का उत्तर नहीं दिया।
उन्होंने बताया कि बैंक खातों में 15 लाख या इससे अधिक धनराशि जमा करवाने वालों में ऐसे 3 प्रकार के व्यक्ति शामिल हैं जिन्हें या तो राशि का स्रोत बताना कठिन हो रहा है या वे अपनी आय की रिटर्न में तो आमदनी 1 लाख रुपए तक की दिखाते रहे हैं लेकिन नकदी लाखों में जमा करवाते रहे हैं। कुछ मामले ऐसे भी सामने आ रहे हैं जिनमें खाताधारकों की ओर से कहा जा रहा है कि उन्हें यह पता ही नहीं कि उनके खातों में इतनी बड़ी राशि आखिर जमा किसने करवा दी। ऐसे खातों को आयकर विभाग की ओर से जल्द ही सील कर देने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
जैन ने बताया कि उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में 15 लाख या इससे अधिक रुपए की नकदी खातों में जमा होने के जो लगभग 15 हजार मामले सामने आए हैं उनमें सर्वाधिक लगभग 9 हजार पंजाब, लगभग 4 हजार हरियाणा, लगभग 1 हजार हिमाचल प्रदेश व 663 मामले चंडीगढ़ से संबंधित हैं। अभी तक जिन 40 मामलों में कार्रवाई की गई है उनमें खाताधारकों ने लगभग 7 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में जमा करवाना स्वीकार किया है। इसमें से 50 प्रतिशत राशि खाताधारक को कर के रूप में देनी होगी जबकि 25 प्रतिशत राशि 4 वर्ष के लिए योजना में जमा करवानी होगी। शेष 25 प्रतिशत राशि ही खाताधारक अपने पास रख पाएगा।
उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में लगभग 3500 ऐसे बैंक खाते पाए गए हैं जिनमें नोटबंदी के बाद 50 लाख रुपए या इससे अधिक की राशि जमा हुई। सबसे अधिक 16 करोड़ रुपए की नकदी पंजाब से संबंधित जौहरी ने जमा करवाई है।