Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Nov, 2017 02:09 PM
सूफियां चौक स्थित प्लास्टिक फैक्ट्री हादसे ने कई घरों के चिराग बुझा दिए। कहीं माता-पिता का इकलौता चिराग बुझ गया तो कहीं बच्चों से उनके पिता हमेशा के लिए बिछड़ गए। इस हादसे में अब तक 13 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं।
लुधियानाः सूफियां चौक स्थित प्लास्टिक फैक्ट्री हादसे ने कई घरों के चिराग बुझा दिए। कहीं माता-पिता का इकलौता चिराग बुझ गया तो कहीं बच्चों से उनके पिता हमेशा के लिए बिछड़ गए। इस हादसे में अब तक 13 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं।
इस हादसे में आठ साल के अंशू और चार साल के मोक्ष ने अपने पिता को खो दिया। बताया जा रहा है कि कुछ समय पहले ही उनकी बीमार मां की मौत हुई थी। और अब फायरमैन पिता विशाल कुमार को मुखाग्नि दी जिसे देखकर हर किसी की आंख में आंसू आ गए थे।
विशाल की बुजुर्ग माता अपने बेटे से दूर जाने पर बेसुध होकर बैठी रहीं। सलेम टाबरी के सरूप नगर के विजय कुमार ने बताया कि उसके बड़े भाई विशाल कुमार की शादी करीब नौ साल पहले नीतू से हुई थी। उनके दो बेटे अंशू (8) और मोक्ष (4) हैं। करीब एक साल पहले नीतू के पिता की मौत हो गई। पिता की मौत के सदमे के कारण वह बीमार रहने लगी और खुद भी दुनिया छोड़ चली गई। पिता विजय कुमार की मौत के बाद विशाल को उनकी जगह नौकरी मिली थी।
करीब आठ साल पहले उसने बतौर फायरमैन नौकरी जॉइन की थी। उसकी ड्यूटी सुंदर नगर फायर स्टेशन पर थी। सोमवार सुबह आठ बजे उसे फायर स्टेशन ऑफिस से कॉल आई और उन्होंने फैक्ट्री में बड़ी आग लगी होने की बात कही। उसे स्टेशन से पर्चियां काटकर टीम के साथ मौके पर पहुंचने के लिए कहा गया। इसके बाद विशाल ने मां आशा रानी को बड़ी घटना के बारे में बताया, बच्चों को जेब खर्च के पैसे देकर शाम को वापस आकर घूमने जाने की बात कहकर चला गया।