Edited By Updated: 24 May, 2017 07:24 AM
बेशक पी.एस.ई.बी. 10वीं कक्षा के परिणाम में गिरी पास प्रतिशतता को देखकर हर कोई हैरान है लेकिन इससे भी अधिक हैरानी वाली बात यह है कि इंगलिश, गणित और साइंस में विद्यार्थियों के गिरे ग्राफ ने पास प्रतिशतता पर ग्रहण लगाया है।
अमृतसर/लुधियाना (विक्की): बेशक पी.एस.ई.बी. 10वीं कक्षा के परिणाम में गिरी पास प्रतिशतता को देखकर हर कोई हैरान है लेकिन इससे भी अधिक हैरानी वाली बात यह है कि इंगलिश, गणित और साइंस में विद्यार्थियों के गिरे ग्राफ ने पास प्रतिशतता पर ग्रहण लगाया है। जी हां! जिस तरह के 12वीं के बोर्ड परिणामों में इंगलिश स्टूडैंट्स के लिए बैरीकेड बनी, वहीं 10वीं में भी उक्त 3 विषयों ने स्टूडैंट्स की सफलता की राह में रोड़े अटकाए हैं। इन विषयों का इतना कम परिणाम देखकर सरकारी स्कूलों के विषय अध्यापक भी टैंशन में हैं, क्योंकि अब जल्द ही शिक्षा विभाग ऐसे अध्यापकों की सूची तैयार करवाने के आदेश जारी कर सकता है, जिनके परिणाम विषय अनुसार 20 प्रतिशत से कम रहे हैं। हालांकि उक्त 3 विषयों में फेल होने वाले विद्यार्थी सरकारी के अलावा निजी स्कूलों से भी हैं।
सिस्टम सुधारने की बजाय फिर अध्यापकों से होगी जवाब-तलबी
हालांकि 10वीं के इतने कम परिणाम पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने भी निराशा जताते हुए शिक्षा मंत्री अरुणा चौधरी को शिक्षा के सुधार के लिए खाका तैयार करने के आदेश जारी किए हैं लेकिन कम परिणाम की सबसे पहले गाज सरकारी स्कूलों के अध्यापकों पर ही गिरनी मानी जा रही है, क्योंकि स्कूलों में व्याप्त सुविधाएं देने में विफल रहने के अलावा अध्यापकों की गिनती पूरी करने में असमर्थ सरकार अपने कंधों पर ऐसे परिणाम की जिम्मेदारी लेने की बजाय सिर्फ अध्यापकों से ही जवाब-तलबी करती है। विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार को पहले सिस्टम में सुधार करना चाहिए, जिसके बाद ही किसी संबंधित से जवाब-तलबी की जा सकती है।
इस कारण प्रतिशतता पहुंची 57.50 प्रतिशत तक
बात अगर परिणाम की करें तो इंगलिश, गणित व साइंस में कुल 2,33,472 विद्यार्थी फेल हुए हैं, जिनमें से इंगलिश में 70,436, गणित में 93,100, साइंस में 69,936 विद्यार्थी फेल हुए हैं। अब अगर बोर्ड परिणामों पर नजर दौड़ाई जाए तो पिछली बार की 72 प्रतिशत की अपेक्षा इस बार पास प्रतिशतता 57.50 प्रतिशत तक ही रही है। अब इसमें कोई दो राय नहीं है कि उक्त विषयों ने ही पास प्रतिशतता पर ग्रहण लगाया है।
हिंदी व पंजाबी का रिजल्ट 90 प्रतिशत से अधिक
इंगलिश का पास प्रतिशत 78.68 रहा है, जबकि गणित का मात्र 71.82 प्रतिशत ही रहा। इसके अलावा साइंस की पास प्रतिशतता 78.83 बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों में बताई गई है। हालांकि हिंदी और पंजाबी का रिजल्ट 90 प्रतिशत से अधिक रहा है, जबकि सामाजिक शिक्षा में भी विद्यार्थी काफी पीछे रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक सामाजिक शिक्षा का परिणाम 85.38 प्रतिशत रहा है।