Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Oct, 2017 07:14 AM
पंजाब सरकार ने कुछ माह बाद होने वाले जालंधर नगर निगम के चुनावों हेतु जो नई वार्डबंदी नोटीफाई की है, उसको लेकर शहर की राजनीति गर्मा गई है, क्योंकि नई वार्डबंदी से जहां अकाली-भाजपा के पार्षद प्रभावित हो रहे हैं, वहीं कांग्रेसी टिकटों के दावेदारों में...
जालंधर (खुराना): पंजाब सरकार ने कुछ माह बाद होने वाले जालंधर नगर निगम के चुनावों हेतु जो नई वार्डबंदी नोटीफाई की है, उसको लेकर शहर की राजनीति गर्मा गई है, क्योंकि नई वार्डबंदी से जहां अकाली-भाजपा के पार्षद प्रभावित हो रहे हैं, वहीं कांग्रेसी टिकटों के दावेदारों में भी नई वार्डबंदी को लेकर काफी रोष पाया जा रहा है। नगर निगम ने आज से नई वार्डबंदी पर एतराज मांगने की प्रक्रिया शुरू कर दी जो 2 नवम्बर तक चलेगी। इसके तहत आज पहले दिन निगम प्रशासन को 10 लिखित एतराज प्राप्त हुए।
भारी संख्या में लोगों ने आज निगम आकर वार्डबंदी का नया नक्शा देखा और अपने-अपने वार्डों की स्थिति और सीमाओं का आकलन किया। ज्यादातर लोग वार्डों की बनावट से नाखुश दिखे। इस बीच नगर निगम कमिश्नर डा. बसंत गर्ग ने बताया कि ज्वाइंट कमिशनर गुरविंद्र कौर रंधावा को इस एतराज प्रक्रिया हेतु नोडल आफिसर बनाया गया है। उन्होंने बताया कि 10 दिन के भीतर जो भी लिखित एतराज प्राप्त होंगे उनको चंडीगढ़ भेज दिया जाएगा और उनके बारे में वहीं फैसला लिया जाना है।
30 नवम्बर तक सभी मुख्य सड़कें एल.ई.डी. लाइटों से जगमगाएंगी
अकाली-भाजपा सरकार ने पिछले साल जालंधर में सभी स्ट्रीट लाइटों को बदल कर एल.ई.डी. लाइटें लगाने का जो प्रोजैक्ट शुरू किया था, उसने अब तेजी पकड़ ली है और पी.ए.पी. चौक से लेकर वर्कशॉप चौक तथा नकोदर रोड इत्यादि पर करीब 5 हजार एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइटें लगाई जा चुकी हैं। गौरतलब है कि इस समय शहर में स्ट्रीट लाइटों की संख्या 65 हजार के करीब है और सभी लाइटों को एल.ई.डी. में बदला जाना है। पुरानी स्ट्रीट लाइटों को उतारा जा रहा है।
नगर निगम ने पुरानी स्ट्रीट लाइटों को भी टैंडर के माध्यम से बेच दिया है, जिससे उसे करीब 85 लाख रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है। नगर निगम कमिश्नर डा. बसंत गर्ग ने बताया कि कम्पनी को 30 नवम्बर तक शहर की सभी मुख्य सड़कों पर एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइटें लगाने को कहा है और कम्पनी को प्लान जारी कर दिया गया है। नवम्बर के अंत तक शहर में 20 हजार के करीब एल.ई.डी. लाइटें लग जाएंगी। उसके बाद सभी वार्डों में पुरानी स्ट्रीट लाइटों को बदल कर नई लाइटें लगाने का सिलसिला शुरू किया जाएगा। पूरा प्रोजैक्ट करीब 9 महीने में सम्पन्न होने की उम्मीद है।
बिना सी.एल.यू. चल रहे स्कूलों का सर्वे शुरू, रिपोर्ट आते ही होगी कार्रवाई
नगर निगम ने शहर में बिना सी.एल.यू. करवाए चल रहे स्कूलों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। इस काम में बिल्डिंग विभाग के स्टाफ को लगाया गया है जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट कमिश्नर को पेश करेगा। गौरतलब है कि नगर निगम को एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें बिना सी.एल.यू. चल रहे प्राइमरी स्कूलों का जिक्र था। इस शिकायत के आधार पर निगम ने फिलहाल प्राइमरी स्कूलों का सर्वे करना शुरू किया है, जिसके तहत निगम अधिकारी हर प्राइमरी स्कूल में जाकर डाटा इकट्ठा कर रहे हैं।
अवैध बिल्डिंगों के चालान कम्प्यूटर पर चढऩे शुरू
नगर निगम कमिश्नर डा. बसंत गर्ग ने पिछले दिनों बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए थे कि पिछले सालों दौरान शहर में बनी अवैध बिल्डिंगों के जो चालान निगम द्वारा किए गए हैं, उन्हें कम्प्यूटर पर अपलोड किया जाए और उनके आधार पर बनती कार्रवाई की जाए। कमिश्नर के इन आदेशों को लेकर निगम स्टाफ में हड़कम्प मचा हुआ है और सभी बिल्डिंग इंस्पैक्टर अपने अपने क्षेत्र के हुए चालानों की सूचियां बनाने में व्यस्त हैं। ऐसे चालानों की संख्या 4 हजार के करीब बताई जा रही है जो सालों से फाइलों में ही दफन पड़े हैं। नगर निगम कमिश्नर डा. बसंत गर्ग ने बताया कि फिलहाल निगम स्टाफ ने चालू वित्तीय वर्ष के चालान कम्प्यूटर पर चढ़ा लिए हैं और पिछले सालों के चालान सूचीबद्ध करने तथा ऑनलाइन करने की प्रक्रिया चल रही है।
अपने आप जलेंगी, बुझेंगी और डिम होंगी लाइटें
शहर में एल.ई.टी. स्ट्रीट लाइटें लग जाने के बाद जहां शहर की दिखावट में सुंदरता आएगी। वहीं स्ट्रीट लाइटों का इंफ्रास्ट्रक्चर भी काफी सुधर जाएगा। कम्पनी द्वारा इन लाइटों की देखरेख की जाएगी। यह लाइटें कम्प्यूटर के माध्यम से जलाई और बुझाई जा सकेंगी और जहां कहीं फाल्ट होगा वह भी तुरंत कंट्रोल रूम में कम्प्यूटर पर दिखाई देगा। आधी रात के बाद स्ट्रीट लाइटें अपने आप डिम होती चली जाएंगी और इस प्रक्रिया से जो बिजली के बिल की बचत होगी उसका ज्यादातर हिस्सा कम्पनी के खाते में जाएगा, जो इन स्ट्रीट लाइटों को फ्री में लगाने जा रही है।