आखिर ASI को क्यों देनी पड़ी 1 लाख रिश्वत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Dec, 2017 12:58 PM

1 lakh bribe

अपने खिलाफ हुई भ्रष्टाचार की शिकायतों को रफा-दफा करने के लिए एक नकली विजीलैंस अधिकारी को 1 लाख रुपए अदा करने वाले ए.एस.आई. के खिलाफ भी जांच होने जा रही है। बेशक विजीलैंस अधिकारी बनकर रिश्वत लेने वाला नौसरबाज सलाखों के पीछे है परंतु उसे रिश्वत देने...

लुधियाना (पंकज): अपने खिलाफ हुई भ्रष्टाचार की शिकायतों को रफा-दफा करने के लिए एक नकली विजीलैंस अधिकारी को 1 लाख रुपए अदा करने वाले ए.एस.आई. के खिलाफ भी जांच होने जा रही है। बेशक विजीलैंस अधिकारी बनकर रिश्वत लेने वाला नौसरबाज सलाखों के पीछे है परंतु उसे रिश्वत देने वाला ए.एस.आई. अगर ईमानदार है तो उसे रिश्वत देने की जरूरत क्या थी अथवा उसने किन परिस्थितियों में ऐसा किया। इसको लेकर जांच करने संबंधी ए.डी.सी.पी. हैडक्वार्टर संदीप गर्ग ने आश्वासन दिया है। मामला ट्रैफिक विंग में तैनात ए.एस.आई. से जुड़ा हुआ है, जिसको फोन करने वाले ने खुद को ए.आई.जी. विजीलैंस का रीडर बताकर कहा कि उसके साहब के पास तुम्हारी रिश्वतखोरी की शिकायतें पहुंची हैं।

अगर तुम चाहते हो कि उन्हें रफा-दफा कर दिया जाए तो इसकी एवज में 5 लाख रुपए की रकम चुकानी होगी। शातिर नौसरबाज के बुने जाल में फंसे ए.एस.आई. ने शिकायत रफा-दफा करने के लिए बाकायदा 1 लाख की रकम बतौर पेशगी चुका भी दी परंतु बाद में शक होने पर उसने उच्चाधिकारियों को इससे अवगत करवाया और आरोपी को बाकी रकम देने के लिए बुलाया, जहां डिवीजन नंबर-5 की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। शातिर नौसरबाज के खिलाफ तो पुलिस ने कानूनी कार्रवाई कर उसे सलाखों के पीछे डाल दिया परंतु रिश्वत लेना व देना दोनों अपराध होने के बावजूद ए.एस.आई. के खिलाफ कार्रवाई को अनदेखा कर दिया, जबकि अगर पकड़ा गया आरोपी नकली अधिकारी न होता तो क्या उक्त ए.एस.आई. अपनी शिकायत दबाने के लिए यकीनन बकाया राशि का भी भुगतान करता।

अगर वह रिश्वतखोर नहीं है तो उसे किसी भी इंक्वायरी का सामना करना चाहिए था, न कि उसे लाखों रुपए रिश्वत में चुकाने की तैयारी करता। चर्चा है कि अगर रिश्वत लेना या देना दोनों जुर्म है तो कार्रवाई एकतरफा क्यों? दूसरा अगर उसने 1 लाख रुपए की रिश्वत चुकाने से पहले ही सारी घटना से अधिकारियों को अवगत करवाकर आरोपी को पकड़वाने की रणनीति के तहत रकम चुकाई होती तो मामला अलग था, क्योंकि पहली किस्त चुकाते समय उसने ऐसा नहीं किया। जब इस संबंधी ए.डी.सी.पी. गर्ग से बात की गई तो उन्होंने माना कि रिश्वत देना या लेना दोनों अपराध हैं परंतु उनका कहना था कि ए.एस.आई. ने ऐसा किन हालातों में किया, यह जानना बेहद जरूरी है, जिसका पता लगाने के लिए वह मामले की गंभीरता से जांच करेंगे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!