Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Oct, 2017 09:49 AM
सरकारी विभागों के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। लगभग हर छोटे-बड़े काम के लिए अधिकारियों द्वारा वगार सिस्टम का सहारा लिया जाता है। इसी कड़ी में एक पुराने खासमखास अधिकारी पर लगभग 1.50 लाख रुपए की वगार डाली गई है ताकि वह एक बड़े अधिकारी...
जालंधर(अमित): सरकारी विभागों के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। लगभग हर छोटे-बड़े काम के लिए अधिकारियों द्वारा वगार सिस्टम का सहारा लिया जाता है। इसी कड़ी में एक पुराने खासमखास अधिकारी पर लगभग 1.50 लाख रुपए की वगार डाली गई है ताकि वह एक बड़े अधिकारी के निवास पर तैनात 60 कर्मचारियों के लिए उपहारों का इंतजाम करके दे। जिस खासमखास को उक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है, वह पहले काफी लंबे समय तक जिले में ही तैनात रह चुका है और उच्चाधिकारियों के साथ नजदीकियों के चलते उसे इतना बड़ा हर्जाना भुगतना पड़ रहा है।
मगर मौजूदा समय में नोटबंदी और जी.एस.टी. जैसी बड़ी समस्याओं के चलते बाजार में मंदी का दौर चल रहा है और इतनी बड़ी संख्या में उपहारों का इंतजाम करना कोई आसान बात नहीं है। पिछले कुछ दिनों से बड़े अधिकारी इसी कशमकश में चल रहे थे कि इतने उपहारों का इंतजाम कैसे किया जाए। जैसे-जैसे दीवाली के दिन नजदीक आते जा रहे थे, ङ्क्षचता भी बढऩे लगी थी। मगर इसी बीच एक रामबाण नुस्खा हाथ लग गया जिसमें पुराने खासमखास की याद दिलाई गई और आनन-फानन में उसे 60 उपहारों का इंतजाम करने की बड़ी जिम्मेदारी भी सौंप दी गई। किसी अन्य जगह पर तैनात, मूल रूप से जालंधर के साथ संबंध रखने वाले अधिकारी ने भी सहर्ष इस जिम्मेदारी को स्वीकार कर लिया और उसने अपनी सहायता के लिए एक अन्य महोदय को याद किया जिसके बाद 1.50 लाख के उपहारों का इंतजाम बड़ी आसानी से हो गया।
जिले के लगभग सारे नए-पुराने आलाधिकारियों के साथ अपने मधुर संबंधों के लिए जाने जाते महोदय जिनका खेल जगत में भी अपना एक अलग स्थान है। उन्होंने अपनी पहचान और रसूख का बाखूबी इस्तेमाल करते हुए उपहार में अपना योगदान डाल दिया। इस बार के उपहारों में एक बहुत खास बात जोड़ी गई है और इस बार की दीवाली को रंगीन करने के उद्देश्य से उपहार में एक आइटम लालपरी को भी स्थान दिया गया है। हालांकि सारे उपहार एक जैसे होंगे इसको लेकर आमराय नहीं बनी है। मगर इतना अवश्य तय किया गया है कि कर्मचारियों के हिसाब से आइटमों में मामूली रद्दोबदल किया जा सकता है। दीवाली का त्यौहार है तो मुंह मीठा करवाने के लिए मिठाई तो हर हाल में दी जानी है। मगर इस बार माननीय हाईकोर्ट द्वारा बढ़ते प्रदूषण पर ङ्क्षचता व्यक्त करते हुए पटाखों की गिनती कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं जिसके चलते इस बार उपहारों में पटाखों की जगह कोई अन्य आइटम लेगी।
खासमखास अधिकारी ने चाहे मजबूरी में ही सही, मगर अपनी मौजूदा तैनाती और पुराने तजुर्बे का बड़ी खूबसूरती से इस्तेमाल किया है जिसके चलते उन्होंने एक कमाऊ विभाग के अधिकारी के पास काम करने वाले 2 कर्मचारियों की पूरी मदद लेते हुए इस बड़े काम को अंजाम दिया है। वैसे इस बात की चर्चा भी बड़े जोर-शोर से जारी है, कि उपहारों की पूरी रकम विदेशों में बसे किसी एन.आर.आई. से वापस भी मिल सकती है क्योंकि उक्त एन.आर.आई. का अधिकारियों की मदद करने का बहुत पुराना रिकार्ड रहा है। जिले में आम जनता की दीवाली कैसे मनेगी, इसको लेकर कुछ भी कहना संभव नहीं है। मगर एक बड़े अधिकारी के पास काम करने वाले कर्मचारियों की तो पूरी मौज रहेगी। क्योंकि उनके लिए विशेष प्रबंध मुकम्मल किए जा चुके हैं।