Edited By Updated: 04 Oct, 2015 10:21 AM
पंजाब कांग्रेस को विभाजन से बचाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बगावत पर उतरे पार्टी नेता अमरेंद्र सिंह को मनाने की एक और कोशिश करेंगी।
नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस को विभाजन से बचाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी बगावत पर उतरे पार्टी नेता अमरेंद्र सिंह को मनाने की एक और कोशिश करेंगी।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी पंजाब इकाई से जुड़े नेताओं नेे सोनिया से आग्रह किया है कि अमरेंद्र की शर्तें पूरा करने से कांग्रेस का मौजूदा संकट टल सकता है। सूत्रों का कहना है कि सोनिया गांधी को पिछले दिनों से राय दी जा रही है कि वे राहुल गांधी व कैप्टन के बीच पैदा गलतफहमियों को वक्त रहते दूर करें, वरना पंजाब में कमजोर पड़ी कांग्रेस दोफाड़ हुई तो 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों मेंं कांगे्रस की हालत और भी खराब हो जाएगी।
सोनिया इस बात से भली-भांति वाकिफ हैं कि कैप्टन जाट-सिखों के सबसे लोकप्रिय व कद्दावर नेता हैं तथा राज्य कांग्रेस में उनका रुतबा एक करिश्माई नेता की तरह हैं। अमरेंद्र सिंह विगत 2 सप्ताह से निजी दौरे पर ब्रिटेन गए हैं। जाने के पहले दिन अमरेंद्र सिंह ने राहुल पर दोबारा हमले किए तथा पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा को खरी-खोटी सुनाई। हालांकि कांग्रेस आलाकमान से जुड़े सूत्र यह भी मानते हैं कि अमरेंद्र अगर राहुल को पसंद नहीं करते तो राहुल भी अमरेंद्र सिंह का दबाव की राजनीति के एकदम विरोधी हैं।
दूसरीे ओर राहुल के करीबी सूत्रों ने हाल में कहा कि अगर कैप्टन पार्टी छोडऩे का मन बना चुके है तो उन्हें रोका नहीं जा सकता। राहुल ने पार्टी में अपने एक करीबी नेता को यह भी कहा कि अमरेंद्र के पार्टी छोडऩे से पंजाब में कांग्रेस की सेहत पर कोई फर्क नहीं पडऩे वाला और उनके दबाव में बाजवा को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी से नहीं हटाया जाएगा।
गौरतलब है कि अमरेंद्र सिंह पिछले 3 सालों से बाजवा को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने और खुद के राज्य में पार्टी कमान सौंपे जाने की मांग पर अड़े हुए थे लेकिन राहुल के दबाव में अमरेंद्र की बातों को दरकिनार कर दिया गया।