Edited By Updated: 25 Aug, 2016 12:47 PM
विपश्यना कैंप में मन की शांति की तलाश में कई दिन बिताने के बाद लौटे आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद ..
चंडीगढ़ (रमनजीत): विपश्यना कैंप में मन की शांति की तलाश में कई दिन बिताने के बाद लौटे आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल लगातार ‘अशांत’ चल रहे हैं। इसका कारण है ‘आप’ की पंजाब इकाई क्योंकि अगस्त की शुरूआत के दिनों से ही एक ‘स्टिंग’ ने पार्टी के भीतर हलचल मचा रखी थी। बीते सप्ताह दिल्ली में हुई पी.ए.सी. की बैठक के बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में शामिल मनीष सिसौदिया को बात करके रिपोर्ट देने को कहा गया था।
अब रिपोर्ट के आधार पर सुच्चा सिंह छोटेपुर पर ‘कार्रवाई’ किसी भी वक्त हो सकती है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक ‘स्टिंग’ में घिरे ‘आप’ के पंजाब संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर पर पार्टी संविधान के मुताबिक ‘कार्रवाई’ करने का रास्ता साफ कर लिया गया है। इससे नाराज केजरीवाल ने भी ग्रीन सिग्नल दे दिया है। इसी सप्ताह पार्टी पंजाब संयोजक को बदल देगी। पता चला है कि सुच्चा सिंह छोटेपुर को सस्पैंड करने या पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने तक का फैसला लिया जा सकता है, लेकिन इतना तय है कि अब छोटेपुर पंजाब में ‘आप’ के संयोजक नहीं रहेंगे।
सूत्रों के मुताबिक विपश्यना से लौटने के तत्काल बाद केजरीवाल को पार्टी लीडरशिप ने वह ‘वीडियो’ क्लिप दिखा दी थी जिसमें पार्टी के एक वालंटियर ने छोटेपुर को नकद राशि देने का दावा किया है। यही कारण है कि छोटेपुर की ओर से लगातार मिलने का समय मांगने के बावजूद उनकी मीटिंग नहीं हो पाई। सूत्र बताते हैं कि सिसौदिया और छोटेपुर के बीच बीते शनिवार बैठक हुई। इसमें छोटेपुर के पक्ष रखने का वीडियो रिकॉर्ड किया गया है, ताकि छोटेपुर पर एक्शन लेने के बाद में कोई परेशानी न हो।
स्टिंग में पैसे लेते दिख रहे हैं छोटेपुर
पार्टी सूत्रों की मानें तो जो वीडियो ‘आप’ लीडरशिप के पास पहुंचा है उसमें स्पष्ट दिख रहा है कि सुच्चा सिंह छोटेपुर को सिं्टग करने वाले ने पैसों का पैकेट पकड़वाया है जिसे थोड़ी ना-नुकर के बाद रख लिया गया है। उक्त पैकेट में 2 लाख रुपए थे जिस पर पार्टी के सामने छोटेपुर द्वारा सहमति जताई गई है। एक आडियो फाइल भी वायरल हुई है, जिसमें यह बात स्वीकार की गई है कि संगरूर से पार्टी के सांसद भगवंत मान को शराब पीने की आदत है। हालांकि पार्टी का कहना है कि पार्टी फंड के लिए ली गई छोटी से छोटी रकम के लिए भी रसीद दी जाती है और यहीं पर छोटेपुर की लापरवाही झलकती है।