‘आप’ खुद को पंजाबी पार्टी साबित करने में जुटी

Edited By Updated: 20 Aug, 2016 09:39 AM

punjab assembly elections 2017

आम आदमी पार्टी (आप) खुद को पंजाब का ही राजनीतिक दल साबित करने का भरसक प्रयास कर रही है।

चंडीगढ़ (पराशर): आम आदमी पार्टी (आप) खुद को पंजाब का ही राजनीतिक दल साबित करने का भरसक प्रयास कर रही है। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए जारी उम्मीदवारों की दोनों सूचियों में कुल 32 नामों में से केवल 2 ही हिंदू समुदाय से संबंधित हैं, शेष सभी 30 उम्मीदवार सिख हैं। 

 

पहली लिस्ट में 13 में से 12 सिख थे। दूसरी में भी 19 में से 18 सिख हैं। पार्टी ने पूर्व पत्रकार जरनैल सिंह को भी संजय सिंह के साथ पार्टी का पंजाब को-इंचार्ज  नियुक्त कर दिया है ताकि यह प्रभाव जा सके कि हर महत्वपूर्ण फैसलों में सिख भी शामिल हैं। शिरोमणि अकाली दल तथा कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी को बाहरी पार्टी बताते नहीं थकते। उनका आरोप है कि ‘आप’ नेताओं को न तो पंजाब की संस्कृति के बारे में जानकारी है, न ही इतिहास का पता है।

 

जब ‘आप’ ने अपने चुनावी मैनीफैस्टो के पहले पन्ने पर हरिमंदिर साहिब की तस्वीर के साथ अपना चुनाव चिन्ह झाड़ू भी छाप दिया तब पंजाब के सभी राजनीतिक दलों ने इस पर आपत्ति जताई तो ‘आप’ नेताओं ने गलती स्वीकार कर ली। इस पर भी विवाद शांत न होने पर ‘आप’ के कन्वीनर तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद स्वर्ण मंदिर में ‘सेवा’ की। इस समस्त घटनाक्रम पर न केवल अन्य दल बल्कि आम आदमी पार्टी के भीतर भी कई नेता नजरें जमाए बैठे हैं और आकलन कर रहे हैं। ‘आप’ के पंजाब कन्वीनर सुच्चा सिंह छोटेपुर की तथाकथित रूप में टिकटों के आबंटन में कोई सिफारिश नहीं मानी जा रही है लेकिन पार्टी हलकों का कहना है कि छोटेपुर को साइडलाइन करने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा और न ही इसकी कोई जरूरत समझी जा रही है। 

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