Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Feb, 2018 10:30 AM
पंजाब के निजी स्कूलों की ओर से नए एकैडेमिक सैशन के लिए अभिभावकों के किए जा रहे वित्तीय शोषण का सख्त नोटिस लेते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और सांसद भगवंत मान ने निजी स्कूल प्रबंधकों से अपील की है कि वे फीसों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और...
चंडीगढ़(ब्यूरो): पंजाब के निजी स्कूलों की ओर से नए एकैडेमिक सैशन के लिए अभिभावकों के किए जा रहे वित्तीय शोषण का सख्त नोटिस लेते हुए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और सांसद भगवंत मान ने निजी स्कूल प्रबंधकों से अपील की है कि वे फीसों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की हिदायतों का पालन करें। यदि निजी स्कूलों ने फीसों के नाम पर अभिभावकों की ‘लूट’ बंद न की तो ‘आप’ पेरैंट्स समितियों, सामाजिक जत्थेबंदियों और आम जनता को साथ लेकर जिम्मेदार निजी स्कूलों व पंजाब सरकार के विरुद्ध संघर्ष शुरू करेगी।
‘आप’ द्वारा जारी प्रैस बयान में भगवंत मान ने कहा कि अकाली-भाजपा और कांग्रेस की सरकारों ने सोची-समझी साजिश के अंतर्गत सरकारी स्कूल शिक्षा को तबाह कर दिया और राज्य में शिक्षा माफिया को इतना हावी कर दिया कि आज बहुत से निजी स्कूल उच्च अदालतों के फैसलों को भी कुछ नहीं समझते।
निजी स्कूलों के हित पाल रहे हैं फीस रैगुलेटरी कानून: मान ने पिछली सरकार द्वारा बनाए गए फीस रैगुलेटरी एक्ट-2016 को अभिभावकों की आंखों में धूल झोंकने वाला कानून करार देते हुए कहा कि जितनी देर प्राइवेट स्कूल फीस रैगुलेटरी कानून में सुप्रीम कोर्ट और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की हिदायतों को शामिल नहीं किया जाता उतनी देर यह कानून अभिभावकों की जगह प्राइवेट स्कूलों के हक में ही भुगतेगा। इस एक्ट में फिर से दाखिला (री-एडमिशन) समेत कई हिदायतें शामिल नहीं हैं जो अभिभावक के हितों की रक्षा करती हों। मान ने कहा कि पंजाब भर से मिल रही शिकायतों के अनुसार निजी स्कूल नए अकादमिक सैशन के लिए अभिभावकों से री-एडमिशन फीस वसूलने लगे हैं, जो अदालती हुक्मों का उल्लंघन है।