Edited By Updated: 09 Dec, 2016 03:50 PM
जालंधर से भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया पिछली अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान उप-मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे। दरअसल सुखबीर बादल को उप-मुख्यमंत्री बनाने के लिए अकाली दल और भाजपा में 2 मुख्यमंत्री बनाने को लेकर बातचीत शुरू हुई। भाजपा...
जालंधर(स.ह.): जालंधर से भाजपा के वरिष्ठ नेता मनोरंजन कालिया पिछली अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान उप-मुख्यमंत्री बनते-बनते रह गए थे। दरअसल सुखबीर बादल को उप-मुख्यमंत्री बनाने के लिए अकाली दल और भाजपा में 2 मुख्यमंत्री बनाने को लेकर बातचीत शुरू हुई। भाजपा की तरफ से मनोरंजन कालिया का नाम उप-मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे था लेकिन आखिरी वक्त में बाजी पलट गई।
अकाली दल ने भाजपा की सीनियर लीडरशिप को एक अन्य उप-मुख्यमंत्री न बनाए जाने की बात पर मना लिया। अकाली दल का तर्क था कि इससे जनता में गलत संदेश जाएगा। पत्रकार मनोरंजन कालिया के नाम की घोषणा के इंतजार में जालंधर के पी.ए.पी. स्थित हैलीपैड पर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान कालिया भी वहां मौजूद रहे मुख्यमंत्री के आने से पूर्व कालिया भी खुद को उप-मुख्यमंत्री पद दिए जाने की खबर से उत्साहित थे। उन्हें भी मुख्यमंत्री के मुख से अपना नाम लिए जाने की उम्मीद थी लेकिन मुख्यमंत्री ने हैलीपैड से उतरने के बाद सिर्फ सुखबीर के नाम की ही घोषणा की।
पत्रकारों द्वारा कालिया के नाम की चर्चा पर बादल ने उस वक्त कहा था कि जितना आपको बताया गया है, बस उतना ही है, इसके बाद कुछ नहीं है। मुख्यमंत्री की बात सुनकर कालिया मायूस हो गए थे। 2002 में चुनावी हार के बाद 2007 में दोबारा सत्ता में आने में भाजपा की बड़ी भूमिका थी क्योंकि अकाली दल को उस वक्त 48 सीटें मिली थीं । भाजपा के सहारे के बिना सरकार का गठन नहीं हो सकता था क्योंकि 2007 में भाजपा की 19 सीटों पर जीत हुई थी लेकिन इसके बावजूद मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री दोनों पद अकाली दल के पास रहे। कालिया को लगे उस झटके के बाद उन्हें पार्टी के भीतर ही कमजोर करने का सिलसिला शुरू हो गया था।