जिला शिक्षा अधिकारी एलीमैंटरी ने लिया फैसला, साइंस और गणित विषय अंग्रेजी माध्यम में पढ़ेंगे स्टूडैंट्स!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jan, 2018 02:43 PM

study in english medium

सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम में बच्चों को पढ़ाए जाने को लेकर सरकार ने फैसला तो किया है लेकिन जिले के प्राइमरी स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाए जाने के पहले पड़ाव में ही इसे लागू किया जाएगा। हालांकि सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम लागू करने को...

पटियाला(प्रतिभा): सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम में बच्चों को पढ़ाए जाने को लेकर सरकार ने फैसला तो किया है लेकिन जिले के प्राइमरी स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाए जाने के पहले पड़ाव में ही इसे लागू किया जाएगा। हालांकि सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम लागू करने को लेकर काफी विरोध जताया जा रहा है लेकिन आज के समय के साथ इन बच्चों को अगर चलना है तो ये जरूरी है कि इन्हें हर भाषा का ज्ञान शुरू से ही हो जाए। 

ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी एलीमैंटरी द्वारा यह फैसला किया गया है कि पहली क्लास से न सही लेकिन तीसरी क्लास से अंग्रेजी माध्यम को लागू कर दिया जाए। खासकर साइंस और गणित विषय अंग्रेजी भाषा में ही होने चाहिएं। इसे लेकर औपचारिकताओं पर काम होना भी शुरू हो गया है।गौरतलब है कि गत वीरवार को डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित ने जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने खासतौर पर हिदायत की कि हर ब्लॉक में 10 प्राइमरी स्कूलों को मॉडल स्कूलों में तबदील किया जाए। एक मॉडल स्कूल में जो सुविधाएं होती हैं, वे भी उन्हें दी जाएंगी। इसके लिए सरकार से हर संभव मदद मिलेगी लेकिन पहले शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस तरफ जोर लगाना होगा ताकि बच्चे जब छोटे हों, तभी से वे पढ़ाई के महत्व को समझ सकें। इसके लिए एन.आर.आइज और अन्य समाज सेवी लोगों से भी आर्थिक मदद ली जाएगी ताकि स्कूल न सिर्फ मॉडल बल्कि स्मार्ट स्कूल बनाए जा सकें। 

कई लोगों ने किया एतराज  
डिप्टी कमिश्नर की मीटिंग में जब जिला शिक्षा अफसर ने अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करवाने की बात कही तो उस समय कई लोगों ने एतराज किया। सभी ने कहा कि इससे बच्चे अपनी मां बोली पंजाबी से दूर होंगे। जबकि  इसमें अहम बात यह थी कि कम से कम 2 विषय साइंस और गणित को अंग्रेजी माध्यम में किया जाए। इससे स्टूडैंट्स को आगे जाकर हायर स्टडीज में मदद मिलेगी। स्टूडैंट्स पंजाबी भाषा तो पढ़ते ही हैं। इससे वे अपनी मां बोली से दूर कैसे हो सकते हैं। इससे पहले सरकारी स्कूल सिविल लाइन और सरकारी स्कूल फीलखाना में भी अंग्रेजी माध्यम में स्टूडैंट्स पढ़ाई कर रहे हैं। 

विकल्प के तौर पर रखा जाएगा अंगे्रजी माध्यम 
जिला शिक्षा अधिकारी एलीमैंटरी दर्शन लाल ने कहा कि चाहे अंग्रेजी माध्यम को लेकर एतराज उठे हैं, पर अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई करवाई जाएगी। इसे विकल्प के तौर पर रखा जाएगा। अगर किसी ने अंग्रेजी में पढ़ाई करनी हो तो वह अंग्रेजी माध्यम ले सकता है। अभी इस पर विचार भी किया जा रहा है। हो सकता है कि माध्यम अंग्रेजी ही रखा जाएगा। स्कूलों में अध्यापक काफी पढ़े-लिखे हैं और समय-समय पर उनकी ट्रेङ्क्षनग भी होती है। मॉडल स्कूल बनने के बाद भी उन्हें ट्रेङ्क्षनग दी जाएगी। 13 ब्लॉक हैं और हर ब्लॉक के 10 स्कूल बनाए जाने हैं। स्कूलों में आगे परीक्षाएं भी शुरू होनी हैं तो उससे पहले ही इस फैसले पर काम शुरू कर दिया जाएगा ताकि परीक्षाओं की वजह से कोई अड़चन न आए।

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