Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jan, 2018 02:40 PM
पंजाब के डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस सुरेश अरोड़ा ने कहा कि पंजाब पुलिस में महिलाओं की संख्या 7.5 प्रतिशत है और इसको केंद्रीय महिला कमीशन और केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिशों के मुताबिक कम से कम 33 प्रतिशत करने के लिए महिला कर्मियों की भर्ती की जाएगी।
पटियाला(बलजिन्द्र): पंजाब के डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस सुरेश अरोड़ा ने कहा कि पंजाब पुलिस में महिलाओं की संख्या 7.5 प्रतिशत है और इसको केंद्रीय महिला कमीशन और केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिशों के मुताबिक कम से कम 33 प्रतिशत करने के लिए महिला कर्मियों की भर्ती की जाएगी। श्री अरोड़ा, पंजाब पुलिस की तरफ से यहां हरपाल टिवाना कला केंद्र में ‘पुलिस में महिला की भूमिका और व्यावहारिक तबदीली’ विषय पर करवाई गई पहली जोनल महिला पुलिस कॉन्फ्रैंस का उद्घाटन करने पहुंचे हुए थे। पंजाब पुलिस में महिला सिपाहियों को आगे बढऩे के और ज्यादा मौके प्रदान किए जाएंगे और और बड़ी संख्या महिला अधिकारियों और कर्मचारियों को थाना प्रमुख, महिला मुंशी और जांच अधिकारी लगाया जाएगा।
पुलिस प्रति लोगों के विश्वास को बरकरार रखने पर जोर दिया
डी.जी.पी. अरोड़ा ने जोर देकर कहा कि सबसे अहम बात है कि आम लोगों और खास कर महिलाओं में पुलिस प्रति विश्वास बरकरार रहे और महिला पुलिस कर्मियों का आत्मविश्वास और मजबूत हो ताकि वेपीड़ितों को इंसाफ देने के लिए अपना काम पूरी तनदेही के साथ कर सकें। श्री अरोड़ा ने बताया कि इस कॉन्फ्रैंस में पंजाब की 5 पुलिस रेंजों में से 2 रेंजों की महिला पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों को शामिल कर लिया है और 2 अन्य कॉन्फ्रैंसें करने के बाद 8 मार्च को महिला दिवस के मौके पर पुलिस अकादमी फिल्लौर में बड़ी कॉन्फ्रैंस करवा कर पुलिस में महिलाओं के काम के हालात, तरक्कियां, घर के नजदीक तैनाती, इनके हकों और जरूरतों आदि बाबत नीतियां बनाकर लागू करने की तरफ बड़ा कदम उठाया जाएगा जिससे वे अपनी ड्यूटी और पारिवारिक जिम्मेदारी को सही तरीके से निभा सकें।
इससे पहले आई.जी. प्रोवीजनिंग गुरप्रीत कौर ने बताया कि इस कॉन्फ्रैंस का उद्देश्य है कि महिला पुलिस कर्मचारियों की मुश्किलें और जरूरतों का हल हो सके और ठोस नतीजे पर पहुंचा जा सके। उनको उम्मीद है कि यह कॉन्फ्रैंस महिलाओं को पुलिस बल का एक महत्वपूर्ण अंग बनाने में अपना अहम योगदान डालेगी। इस मौके पर इंस्टीच्यूट ऑफ करैक्श्नल एडमिनिस्ट्रेशन, चंडीगढ़ की डिप्टी डायरैक्टर डा. उपनीत लाली ने कहा कि थाने सामाजिक सेहत बाबत जानकारी देते हैं, इसलिए मौजूदा सामाजिक जरूरतों प्रति पुलिस को और संवेदनशील होना पड़ेगा जिसके लिए महिला पुलिस बल को और ज्यादा मजबूत किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिस तरह अब महिलाओं प्रति अपराधों के कानूनों की परिभाषा में तबदीली आ रही है। कॉन्फ्रैंस के दौरान डी.जी.पी. श्री अरोड़ा ने महिला पुलिस कर्मियों के सवालों के जवाब दिए और जरूरी आदेश तुरंत जारी किए।
उन्होंने महिला पुलिस कर्मियों बाबत एक समिति बना कर ए.आई.जी. वैल्फेयर एंड लिटीगेशन हरप्रीत कौर को लाने का ऐलान किया। इस मौके पर 2015 बैच की महिला सब-इंस्पैक्टरों की तरफ से खुशप्रीत कौर ने डी.जी.पी. का खास धन्यवाद किया। कॉन्फ्रैंस में डी.जी.पी. एच.आर.डी. सिद्धार्थ चटोपाध्या, डायरैक्टर ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टिगेशन प्रबोध कुमार, डायरैक्टर पुलिस प्रशिक्षण केंद्र फिल्लौर अनीता पुंज, आई.जी. हैडक्वार्टर जतिंद्र सिंह औलख, आई.जी. जोनल-1 पटियाला, ए.एस. राय, आई.जी. क्राइम शशि प्रभा द्विवेदी, आई.जी. साइबर क्राइम नौनेहाल सिंह, आई.जी. अमर सिंह चाहल, डी.आई.जी. डा. सुखचैन सिंह गिल समेत ओर उच्च पुलिस अधिकारी शामिल हुए।
कॉन्फ्रैंस के अगले सैशनों में महिलाओं की पुलिस में भूमिका और पुलिस के व्यवहार में तबदीलियों बाबत विस्तार में हुई चर्चा में डी.आई.जी. वी.के. मीना, डिप्टी कमिश्नर कुमार अमित, एस.एस.पी. फतेहगढ़ साहिब अलका मीना, सामाजिक सुरक्षा और बाल विकास विभाग के डायरैक्टर श्रीमती कविता सिंह, ए.डी.सी.पी.-2 जालंधर डा. सुधारविजी, एडवोकेट निखिल खर्च, ए.आई.जी. सनमीत कौर, एस.पी. स्थानिक पटियाला कंवरदीप कौर ने हिस्सा लिया। पटियाला के एस.एस.पी. डा. एस. भूपति ने धन्यवाद किया और मंच संचालन ए.सी.पी. क्राइम अगेंस्ट वूमैन जालंधर दीपिका सिंह ने किया।