Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jan, 2018 01:21 PM
पंजाबी यूनिवर्सिटी की सुप्रीम बॉडी सिंडीकेट में यूनिवर्सिटी के वित्तीय संकट का मुद्दा पूरी तरह छाया रहा। सिंडीकेट ने सर्वसम्मति के साथ यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए पंजाब सरकार से 300 करोड़ रुपए पैकेज की मांग की जिससे वित्तीय संकट कारण दम तोड़ रही...
पटियाला(जोसन): पंजाबी यूनिवर्सिटी की सुप्रीम बॉडी सिंडीकेट में यूनिवर्सिटी के वित्तीय संकट का मुद्दा पूरी तरह छाया रहा। सिंडीकेट ने सर्वसम्मति के साथ यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए पंजाब सरकार से 300 करोड़ रुपए पैकेज की मांग की जिससे वित्तीय संकट कारण दम तोड़ रही यूनिवर्सिटी को बचाया जा सके। वाइस चांसलर डा. बी.एस. घुम्मन की चेयरमैनशिप में यूनिवर्सिटी में अढ़ाई घंटे चली सिंडीकेट ने पहली मीटिंग दौरान पैंडिंग पड़ी 8 मदों पर विचार कर एजैंडे में आए समूचे प्रस्तावों पर मोहर लगा दी है।
वाइस चांसलर डा. घुम्मन ने सिंडीकेट सदस्यों को यूनिवर्सिटी की वित्तीय स्थिति के मद्देनजर यूनिवर्सिटी द्वारा किए जाते व्यय में से की जा रही कटौती संबंधी जानकारी दी। इस मुद्दे पर सभी सदस्यों ने सहमति जताते हुए यूनिवॢसटी को मौजूदा वित्तीय संकट में से निकालने के लिए डा. घुम्मन को पंजाब सरकार आगे ठोस अपील करने के लिए कहा।
वित्तीय संकट में फंसी यूनिवर्सिटी से भी मिला इंकार
वित्तीय संकट में फंसी पंजाबी यूनिवर्सिटी ने जहां पंजाब सरकार से 300 करोड़ के पैकेज की मांग की है वहीं फरवरी के वेतन देने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 110 करोड़ का लोन लेने के लिए प्रपोजल भेजा है। अभी बैंक ने तकनीकी रुकावटों के चलते लोन देने से इंकार कर दिया है जिस कारण यूनिवॢसटी की ङ्क्षचताएं बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं। यूनिवर्सिटी इस संबंधी बैंक से लोन लेने के लिए कोशिश कर रही है मगर पहले ही यूनिवॢसटी 400 करोड़ से अधिक घाटे पर चल रही है जिस कारण बैंक भी हर कदम सोच कर रख रहा है।
यूनिवर्सिटी से भत्ते नहीं लेंगे नए मैंबर
वित्तीय संकट को देखते हुए सीनियर कांग्रेसी नेता और सिंडीकेट मैंबर हरिंदरपाल सिंह हैरीमान, राजेश शर्मा पंजोला, मेजर ए.पी. सिंह और अरविन्द मोहन प्रिंसीपल पब्लिक कालेज समाना ने यूनिवॢसटी से यात्रा भत्ता लेने से इंकार कर दिया।
यूनिवर्सिटी की मासिक ग्रांट 7.34 करोड़ से बढ़ाकर 14.68 करोड़ करे सरकार
डा. घुम्मन ने सदस्यों को सूचित किया कि यूनिवॢसटी पहले ही सरकार को पैडिंग अदायगियां करने के लिए 300 करोड़ रुपए का पैकेज जारी करने और मासिक ग्रांट 7.34 करोड़ से बढ़ाकर 14.68 करोड़ रुपए करने के लिए विनती कर चुकी है। सिंडीकेट ने राज्य सरकार को यूनिवॢसटी को इस संकट में से निकालने के लिए आगे आने को कहा जिससे इसके विद्याॢथयों को योग्य नौकरियां दिलाने और यूनिवॢसटी की अकादमिक कार्यगुजारी की गतिशीलता को जारी रखा जा सके।