पंजाबी यूनिवर्सिटी की वित्त कमेटी ने घाटे वाले बजट पर लगाई मोहर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 18 Mar, 2018 12:49 PM

punjabi university finance committee stamped on deficit budget

पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की वित्त कमेटी ने 4 अरब 73 करोड़ रुपए के घाटे वाले बजट पर मोहर लगा दी है। दिलचस्प बात यह है कि यूनिवर्सिटी की आय के साथ घाटे की रकम बड़ी है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और वित्त कमेटी व चेयरमैन डा. बी.एस. घुम्मन की...

पटियाला (मनदीप जोसन): पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की वित्त कमेटी ने 4 अरब 73 करोड़ रुपए के घाटे वाले बजट पर मोहर लगा दी है। दिलचस्प बात यह है कि यूनिवर्सिटी की आय के साथ घाटे की रकम बड़ी है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और वित्त कमेटी व चेयरमैन डा. बी.एस. घुम्मन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में वित्तीय घाटे के साथ जूझ रही यूनिवर्सिटी को इस कमेटी ने बचाने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया है जिस कारण आने वाले दिन पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए सुखदायक नहीं हैं।
 

पंजाबी यूनिवर्सिटी को साल 2018-2019 के बजट में सभी साधनों से 3,52,50,67,405 रुपए आने की उम्मीद है और यूनीविॢसटी ने इस साल खर्चा 5,82,6,92,421 रुपए करना है। इस तरह यूनिवर्सिटी को अपने तैयार किए बजट के अंतर्गत 2,29,56,25,016 रुपए का घाटा पड़ रहा है। इसके बिना यूनिवर्सिटी ने 91 करोड़ 15 लाख 80 हजार रुपए की पहले ही बैंकों से ओवर ड्राफ्टिंग की हुई है। इस साल 7वें केंद्रीय पे कमिशन लागू होने की सूरत में यूनिवर्सिटी अध्यापकों को 105 करोड़ रुपए की अदायगी भी करेगी।इसके साथ ही हर महीने 4 करोड़ रुपए का विस्तार अध्यापकों के वेतन में हो जाएगा जिसके साथ यूनिवर्सिटी पर 48 करोड़ रुपए का वाॢषक बोझ और पड़ जाएगा। इसे मिलाकर पंजाबी यूनिवर्सिटी को 4 अरब 73 करोड़ रुपए का वार्षिक घाटा पड़ेगा जोकि यूनिवर्सिटी को अन्य वित्तीय संकट की तरफ धकेल देगा।

 

वित्त कमेटी ने नहीं किया यूनिवर्सिटी को बचाने वाला बजट पास
 
पंजाबी यूनिवर्सिटी की वित्त कमेटी ने बजट पास करते समय यूनिवर्सिटी  को बचाने का कोई भी यत्न नहीं किया। पिछले साल 2017-2018 में पंजाब सरकार के हाई एजुकेशन के पिं्रसीपल सैक्रेटरी और पंजाबी यूनिवर्सिटी के एक्टिंग वाइस चांसलर अनुराग वर्मा ने यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए यूनिवर्सिटी में खाली पड़े पदों के बनते 133 करोड़ रुपए के बजट को मुख्य बजट में से निकाल दिया था और भर्ती पर रोक लगा दी थी। हैरानी है कि वित्तीय संकट के साथ जूझ रही यूनिवर्सिटी के आकाओं ने इस बार फिर पिछले साल के काटे हुए 133 करोड़ के बजट को फिर मेन बजट में शामिल कर लिया है।

 

वित्त कमेटी में 8 सदस्यों में सिर्फ 4 सदस्य ही हुए शामिल
पंजाबी यूनिवर्सिटी की वित्त कमेटी के कुल 8 मैंबर हैं और आज की मीटिंग में सिर्फ 4 मैंबर ही पहुंचे, फिर भी वित्त कमेटी ने 4 सदस्यों के साथ ही इस बजट को पास कर दिया। इस कमेटी में वाइस चांसलर डा. बी.एस. घुम्मन, पंजाब सरकार के अहम मैंबर हरिंदरपाल सिंह हैरीमान, यूनिवर्सिटी के डीन अकादमिक डा. बत्रा और एजुकेशन सैक्रेटरी की तरफ से सिर्फ उनके डिप्टी डायरैक्टर ही मीटिंग में शामिल हुए। जबकि वित्त कमेटी के अहम मैंबर पंजाब सरकार के फाइनांस सैक्रेटरी, यूनिवर्सिटी के डीन डा. अमृतपाल कौर, विधायक विजय इंद्र सिंगला और रण सिंह धालीवाल इस मीटिंग में से गैर हाजिर रहे। घाटे में जा रही यूनिवर्सिटी की वित्त कमेटी ने अपने मॉडर्न स्कूल की प्रिंसीपल के पद को बदल कर डायरैक्टर प्रिंसीपल का पद बना दिया है जिसके साथ यूनिवर्सिटी पर अन्य वित्तीय भार बढ़ेगा।

 

पंजाब सरकार से मांगे 300 करोड़ रुपए

पंजाबी यूनिवर्सिटी की वित्त कमेटी ने पंजाब सरकार से फिर यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए 300 करोड़ रुपए की मांग की है। पहले ही वित्तीय संकट के साथ जूझ रही पंजाब सरकार यूनिवर्सिटी को पंजाब सरकार के बजट में से पास पैसों को भी बहुत मुश्किल के साथ देती है जिस कारण सरकार के लॉलीपॉप से बिना यूनिवर्सिटी को और कोई भी उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।

 

2017-18 में घाटा था सिर्फ 97 करोड़ 96 लाख रुपए
पंजाबी यूनिवर्सिटी के 2017-18 में बजट पास करने दौरान रहे एक्टिंग वी.सी. और सीनियर आई.ए.एस. अनुराग वर्मा ने गुजरे साल यूनिवर्सिटी पर 2016-17 में आ रहे बड़े घाटे को अपनी काबिलियत के साथ सिर्फ 97 करोड़ 96 लाख रुपए में बदल दिया था। जब यूनिवर्सिटी के अधिकारियों ने पिछले साल अनुराग वर्मा के पास बजट पेश किया था तो उन्होंने अधिकारियों को काफी झिड़का भी था। अनुराग वर्मा ने जहां 133 करोड़ रुपए के खाली पदों को खत्म कर दिया था वहीं अन्य भी बहुत से खर्चों को घटा दिया था और यूनिवर्सिटी को ऐसे सीनियर आई.ए.एस. अधिकारी से सेध लेने की जरूरत थी।

कितने प्रतिशत रहेगा बजट
पंजाबी यूनिवर्सिटी इस साल आम प्रबंध पर 11.89 प्रतिशत, यूनिवर्सिटी अध्यापन पर 35.13, फुटकल विभागों पर 24.99, खोज स्कीमों पर 1.35, उसारी बजट पर 3.71 रुपए खर्च करेगी। जबकि खाली पदों के लिए 22.93 प्रतिशत बजट रखा गया है जोकि यूनिवर्सिटी के घाटे का मुख्य कारण है।

 

2018-19 में यूनिवर्सिटी को कहां से आएंगे पैसे
 
*पंजाब सरकार से ग्रांट-88 करोड़ 8 लाख 64 हजार रुपए 
*केंद्र सरकार से ग्रांट-26 लाख 91 हजार रुपए
*राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत ग्रांट-1 करोड़ 37 लाख 75 हजार रुपए
*यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन से-10 करोड़ 8 लाख 70 हजार रुपए
*रिसर्च प्रोजैक्ट नॉन यू.जी.सी. ग्रांट से-3 करोड़ 88 लाख 40 हजार रुपए 
*यूनिवर्सिटी को फीसों समेत अपने सभी वसिल्यों से-2 अरब 48 करोड़ 80 लाख 27 हजार 405 रुपए
 कुल : 352 करोड़ 50 लाख 67 हजार 405 रुपए

2018-19 में कहां-कहां होंगे पैसे खर्च
*आम प्रबंध और-69 करोड़ 19 लाख 67 हजार 490 रुपए 
*अध्यापन और खोज पर-1 अरब 51 करोड़ 69 लाख 65 हजार 350 रुपए
*डिस्टैंस एजुकेशन-16 करोड़ 8 लाख 26 हजार 280 रुपए 
*लाइब्रेरी पर-8 करोड़ 49 लाख 7 हजार 850 रुपए 
*फुटकल विभाग-95 करोड़ 44 लाख 45 हजार 70 रुपए 
*शिक्षा के सुधार पर-5 करोड़ 46 लाख 53 हजार 620 रुपए 
*कंस्टीच्यूट कालेजों पर 13 करोड़, 89 लाख, 56 हजार 110 रुपए 
*पंजाबी भाषा के विकास पर-8 करोड़ 90 लाख रुपए
*पैंशन स्कीम पर-50 करोड़ रुपए 
*खोज स्कीमों पर-7 करोड़ 83 लाख 10 हजार रुपए 
*उसारी बजट पर-21 करोड़ 61 लाख 64 हजार 391 रुपए 
कुल जोड़ : 582 करोड़ 6 लाख 92 हजार 391 रुपए

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