Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Feb, 2018 11:15 AM
वित्तीय संकट से जूझ रही पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के 4 नंबर होस्टल होमी भाभा और कई अन्य स्थानों पर यूनिवर्सिटी द्वारा दी जाती वाई-फाई की सुविधा बंद कर दी गई है जिस कारण विद्यार्थी बड़े स्तर पर परेशान हो रहे हैं।
पटियाला(जोसन, लखविन्द्र): वित्तीय संकट से जूझ रही पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के 4 नंबर होस्टल होमी भाभा और कई अन्य स्थानों पर यूनिवर्सिटी द्वारा दी जाती वाई-फाई की सुविधा बंद कर दी गई है जिस कारण विद्यार्थी बड़े स्तर पर परेशान हो रहे हैं।
पीएच.डी. कर रहे विद्याॢथयों को (फिलॉसफर ऑफ डॉक्टरेट) पढ़ाई करते समय वाई-फाई इंटरनैट की सुविधा यूनिवॢसटी मुहैया करवाई जाती है क्योंकि शोध कर रहे विद्याॢथयों को अपनी पढ़ाई संबंधी बहुत-सी जानकारी इंटरनैट से ढंूढनी पड़ती है, परन्तु अब विद्यार्थी परेशान हैं। विद्याॢथयों की तरफ से हाए-दुहाई डालने के बावजूद यूनिवॢसटी मैनेजमैंट उक्त समस्या के हल के लिए कोई ठोस कदम न उठाकर फंड की कमी की दुहाई देकर सिर्फ समय गुजार रही है, जिसका खमियाजा विद्याॢथयों को ही भुगतना पड़ रहा है।
उक्त समस्या संबंधी विद्यार्थी सतवंत सिंह, जसवंत सिंह, लखविन्द्र सिंह, दविन्द्र सिंह, कुलबीर सिंह आदि ने बताया कि यह समस्या पिछले 2-3 माह से आ रही है परन्तु किसी की तरफ से भी इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा, जिस कारण उनकी पढ़ाई पर प्रभाव पड़ रहा है। इस संबंधी उनकी तरफ से होस्टल के वार्डन को जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि होस्टल में लगे वाई-फाई के राऊटर व्यवस्था की अवधि पूरी हो चुकी है, जिस कारण इनको रिन्यू करवाना पड़ेगा।
सारा मामला कम्प्यूटर विभाग के ध्यान में है : वार्डन
उक्त समस्या संबंधी जब पंजाबी यूनिवर्सिटी के होस्टल वार्डन करमजीत सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि सारा मसला कम्प्यूटर विभाग के ध्यान में है। उनकी तरफ से राऊटर व्यवस्था कंपनी के अधिकारियों से चैक करवाया गया है और इस संबंधी कंपनी अधिकारियों का कहना है कि राऊटर व्यवस्था खराब हो चुकी है जिसे बदलना पड़ेगा।
फंड की कमी कारण हो रही देरी : प्रवोस्ट
इस संबंधी जब पंजाबी यूनिवॢसटी के प्रवोस्ट निशान सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह सारा मसला उनके ध्यान में है। पुराने राऊटर व्यवस्था की समयावधि पूरी हो चुकी है, जिस कारण नए राऊटर लगाने पड़ेंगे, जिनका खर्चा 6 से 7 लाख रुपए आएगा। फिलहाल यूनिवॢसटी के पास फंड की कमी कारण वह अलग-अलग कंपनियों से प्रपोजल ले रहे हैं और ये सभी प्रपोजल भेज दिए गए हैं।