Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 11:29 AM
पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में सेवामुक्त अध्यापकों को रखने या न रखने संबंधी माननीय हाईकोर्ट ने आज पंजाबी यूनिवर्सिटी को दोबारा 17 अप्रैल को पेश होने के आदेश दिए हैं। पंजाबी यूनिवर्सिटी ने आज भी माननीय हाईकोर्ट को गोलमोल जवाब दिया। सेवामुक्त...
पटियाला (जोसन): पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला में सेवामुक्त अध्यापकों को रखने या न रखने संबंधी माननीय हाईकोर्ट ने आज पंजाबी यूनिवर्सिटी को दोबारा 17 अप्रैल को पेश होने के आदेश दिए हैं। पंजाबी यूनिवर्सिटी ने आज भी माननीय हाईकोर्ट को गोलमोल जवाब दिया। सेवामुक्त अध्यापकों की यूनिवर्सिटी में से छुट्टी करवाने के लिए नॉन टीचिंग संघ ने एक बड़ा संघर्ष लड़ा था जिसके बाद उस समय के वाइस चांसलर ने एक 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी थी। इस कमेटी के 2 सदस्यों ने सेवामुक्त अध्यापकों के खिलाफ अपनी रिपोर्ट दायर की और एक मैंबर ने गोलमोल जवाब दायर किया था।
जानकारी के अनुसार कमेटी का फैसला 2-1 के साथ बहुमत में था, जिस कारण पंजाबी यूनिवर्सिटी की अथॉरिटी जोकि सेवामुक्त अध्यापकों को फिर से यूनिवर्सिटी में रखना चाहती थी, ने कमेटी की रिपोर्ट आज तक हाईकोर्ट में दाखिल नहीं की जिस कारण मुलाजिमों में भारी रोष है। पंजाबी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर इस मामले को लटकाने के चक्कर में हैं। उन्होंने सेवामुक्त अध्यापकों संबंधी एक नई अन्य कमेटी गठित करने का फैसला किया है और यह कमेटी आने वाले दिनों में बन सकती है। यही कारण है कि पंजाबी यूनिवर्सिटी ने हाईकोर्ट से भी यह चक्कर चलाकर लगभग 2 माह का समय ले लिया है। अब समय ही बताएगा कि पंजाबी यूनिवर्सिटी सेवामुक्त अध्यापकों का मामला किस तरफ लेकर जाती है।
यूनिवर्सिटी पहली 3 सदस्यीय कमेटी का फैसला हाईकोर्ट में पेश करेः एडहॉक कमेटी
इस संबंधी पंजाबी यूनिवॢसटी के मुलाजिमों की बनी कमेटी के कन्वीनर अवतार सिंह और सुरिन्द्र चंडेल ने कहा कि पंजाबी यूनिवर्सिटी अथॉरिटी मुलाजिमों के साथ धोखा कर रही है। उन्होंने कहा कि जब पहले वाइस चांसलर अनुराग वर्मा की कमेटी का फैसला इनके पास मौजूद है तो यूनिवर्सिटी अथॉरिटी को वह फैसला ही माननीय हाईकोर्ट में पेश करना चाहिए। एडहॉक कमेटी के नेताओं ने कहा कि वे पहला फैसला ही हाईकोर्ट में पेश करने के लिए संघर्ष करेंगे।
1.4.2017 से सरकार ने बंद की है पुनर्नियुक्ति योजना
पंजाब सरकार ने 1.4.2017 से किसी भी सेवामुक्त अध्यापक या मुलाजिम को रखने पर रोक लगाई हुई है। सरकार ने पिछले समय यूनिवर्सिटी को 50 करोड़ की ग्रांट भी इस शर्त पर भेजी थी कि वह यूनिवर्सिटी में काम कर रहे समूचे सेवामुक्त मुलाजिमों को रिलीव करेगी, परंतु यूनिवर्सिटी ने ऐसा नहीं किया जिस कारण पंजाब सरकार की ग्रांट पर भी रोक लग सकती है।