Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Feb, 2018 09:52 AM
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और सरकार में नंबर 2 की पोजीशन पर विराजमान कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महिंद्रा के शहर में पार्कों को गंदगी का ग्रहण लगा हुआ है। कहने को शहर में दर्जनों पार्क हैं और प्रत्येक क्षेत्र व मोहल्ले में कोई न कोई पार्क है, परन्तु...
पटियाला(बलजिन्द्र, स.ह.): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और सरकार में नंबर 2 की पोजीशन पर विराजमान कैबिनेट मंत्री ब्रह्म महिंद्रा के शहर में पार्कों को गंदगी का ग्रहण लगा हुआ है। कहने को शहर में दर्जनों पार्क हैं और प्रत्येक क्षेत्र व मोहल्ले में कोई न कोई पार्क है, परन्तु ज्यादातर की हालत काफी खराब है। नगर निगम की तरफ से भी पार्कों की देखभाल हेतु कोई बड़ा प्रयत्न नहीं किया जा रहा है। हालात यह हैं कि अब कुछ लोगों और स्थानीय स्तर की सोसायटियों की तरफ से अपने स्तर पर प्रयत्न किए गए हैं, परन्तु नगर निगम की तरफ से पार्कों की संभाल के लिए कोई बड़ा प्रयत्न नहीं किया जा रहा है।
नामी पार्कों में फव्वारे टूटे हुए
छोटे मोहल्लों और आऊटर कालोनियों के पार्कों की बात तो दूर शहर के नामी पार्कों में भी फव्वारे टूटे हुए हैं। बस अड्डे के पास स्थित भगवान स्वरूप गोयल पार्क, महिंद्रा कालेज के सामने वाला पार्क, माल रोड के साथ-साथ बने फव्वारों की खस्ताहालत व मॉडल टाऊन के कई पार्कों की हालत काफी बद से बदतर है। हालांकि जिन पार्कों की बात की गई है वे शहर की सुंदरता को बढ़ाने में अपना अहम योगदान डाल सकते हैं। इसके बावजूद नगर निगम की तरफ से इनके सुधार के लिए कोई प्रयत्न नहीं किया जा रहा।
जन हित समिति ने बचाई बारादरी
पूरी दुनिया में मशहूर पटियाला की बारांदरी को बचाने के लिए जनहित समिति की तरफ से बड़ा योगदान दिया जा रहा है। जनहित समिति की तरफ से मेन बारांदरी के पार्क की पिछले लंबे समय से संभाल की जा रही थी। अब जनहित की तरफ से पी.पी.एस.सी. के सामने वाले पार्क को चिल्ड्रन पार्क के तौर पर विकसित किया गया है। स्टेडियम के पास वाले पार्क, विजीलैंस दफ्तर के सामने वाले पार्क, नीम राणा और चुनाव तहसीलदार के पार्क और रेल लाइन के साथ-साथ दशकों पुरानी गंदगी को उठाकर वहां सैर गाह बनाकर शहर की सुंदरता को चार चांद लगा दिए हैं परन्तु सरकार और नगर निगम की तरफ से पटियाला शहर के पार्कों और ग्रीनरी की देखभाल के लिए कोई योगदान नहीं डाला जा रहा।
दर्जनों पार्कों पर हुए कब्जे
शहर की आऊटर कालोनियों और अंदरूनी क्षेत्र में दर्जनों पार्क ऐसे हैं जहां कब्जे हुए पड़े हैं। कई बार वैल्फेयर एसो. की तरफ से इनके खिलाफ आवाज भी उठाई गई परन्तु आज तक नगर निगम द्वारा कभी दिखावे के लिए पार्कों से कब्जे हटाने की कोशिश नहीं की गई। कहने को पटियाला शहर दरवाजों व बागों का शहर है और यहां की ग्रिनरी पूरी दुनिया में मशहूर है परन्तु पटियाला शहर के पार्कों की हालत की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा।
अमरूत स्कीम के सहारे नगर निगम
अमरूत स्कीम के अधीन पटियाला की ग्रीन स्पेस को विकसित करने के लिए 5 साल में 1 करोड़ 8 लाख रुपए खर्च करने की योजना है, जिसके अंतर्गत हर साल एक पार्क को विकसित किया जाएगा और पार्कों की देखभाल के लिए कोई बड़ा बजट नहीं है, जिस कारण शहर के पार्कों की हालत कोई ज्यादा बढिय़ा नहीं है।
क्या कहते हैं मेयर
इस संबंधित मेयर संजीव शर्मा बिट्टू का कहना है कि उन्होंने हाल ही में पदभार संभाला है, जहां अमरूत स्कीम के अंतर्गत हर साल एक पार्क विकसित किया जाएगा, वहीं बाकी पार्कों की भी पूरी रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिन का योजनाबद्ध तरीके के साथ विकास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नगर निगम की तरफ से जल्द ही एक बुकलैट तैयार किया जाएगा, जिसके अंतर्गत प्रत्येक काऊंसलर से उसके क्षेत्र का रिपोर्ट कार्ड पूछा जाएगा। इसमें पार्कों की हालत, पार्कों की संख्या और वहां विकास के लिए अपेक्षित राशि व अन्य साधनों का विवरण पूछा गया है, के अंतर्गत पार्कों का विकास किया जाएगा।