Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Feb, 2018 12:29 PM
कृषि को लाभदायक व्यवसाय बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य पूरा करने के लिए शिरोमणि अकाली दल के सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा और प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को कृषि भवन में मिलकर उनके सामने अपने सुझाव...
पटियाला (बलजिन्द्र/ राणा/स.ह.): कृषि को लाभदायक व्यवसाय बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य पूरा करने के लिए शिरोमणि अकाली दल के सांसद सुखदेव सिंह ढींडसा और प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को कृषि भवन में मिलकर उनके सामने अपने सुझाव रखे।
यह बैठक लगभग एक घंटा चली। कृषि मंत्री ने मार्च में कृषि विशेषज्ञों, विभाग के अधिकारियों और शिरोमणि अकाली दल के दोनों नेताओं के साथ मीटिंग करके उनके सुझाव पर अमल करने का भरोसा दिया। अकाली दल के पार्लियामैंट सदस्यों सुखदेव सिंह ढींडसा और प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने केंद्रीय कृषि मंत्री को बताया कि किसानों को कर्ज मुक्त करने के लिए कोई ठोस नीति तैयार करनी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि सी-2 फार्मूले के अंतर्गत खेती लागत में बीमा, खादें, तेल, दैनिक वेतन भोगी का खर्चा और परिवार के सदस्यों की मेहनत के साथ-साथ मशीनरी की टूट-फूट, जमीन का ठेका, खेती की मशीनरी पर लगी रकम का ब्याज भी जोड़ा जाए।
अकाली पार्लियामैंट सदस्यों ने यह बात जोर देकर रखी कि पंजाब, हरियाणा आदि प्रदेशों की खेती की लागत देश के बाकी राज्यों की अपेक्षा अधिक है क्योंकि सिंचाई के लिए जमीन के नीचे से पानी निकालना सबसे महंगा पड़ रहा है। हरित क्रांति के समय देश की भुखमरी को दूर करने के लिए जमीन के निचले कुदरती पानी को खत्म किया गया, इसलिए पंजाब में प्रति एकड़ 4 से 5 खाद के थैले इस्तेमाल किए जा रहे हैं जबकि मध्य प्रदेश और आंध्रा प्रदेश में एकाध खाद का थैला ही इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसान या खेत को इकाई मानते हुए प्राइवेट कंपनियों की जगह सरकारी कंपनियों के साथ मिलकर खेती बीमा हो।