Edited By Updated: 05 Mar, 2016 10:21 AM
पंजाब के लोगों में मोटापा बढ़ना तो अासान है लेकिन कम होने का नाम नहीं लेता। गांवों की तुलना में शहरी लड़कियों में मोटापा अधिक पाया जाता है।
पटियालाः पंजाब के लोगों में मोटापा बढ़ना तो अासान है लेकिन कम होने का नाम नहीं लेता। गांवों की तुलना में शहरी लड़कियों में मोटापा अधिक पाया जाता है। यह चौंकाने वाले आंकड़े पंजाबी विश्वविद्यालय के फिजिकल एजुकेशन विभाग की ओर से की गई शोध में उभर कर सामने आए हैं। विभाग ने यह शोध गांव और शहरों के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाली 10 से 17 साल आयु वर्ग की लड़कियों पर की है।
शोध में राज्य के पांच जिलों को शामिल किया गया। इनमें पटियाला के अलावा लुधियाना, अबोहर, मानसा और बरनाला जिले शामिल किए गए। गांव और शहर के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाली 10 से 17 आयु वर्ग की लड़कियों में बढ़ रहे ओवर फैट (अधिक भार) और मोटापा पर शोध की गई। इस शोध में कुल छह लड़कियों को शामिल किया गया था। शोध में केवल लड़कियों की आयु वर्ग को ही शामिल नहीं किया गया था। इसमें लड़कियों के परिजनों के पढ़े लिखे होने या अनपढ़ और उनकी आर्थिक स्थिति को भी ध्यान में रखा गया था।
सरकारी स्कूलों की तुलना में प्राइवेट स्कूलों की लड़कियों में मोटापा अधिक है। प्राइवेट स्कूल के तीन हजार छात्राओं में मोटापा 5.1 फीसद और सरकारी स्कूलों में मोटापा केवल 0.20 फीसद है। पैदल या साइकिल से स्कूल जाने वाले लड़कियों में ओवर फैट फीसद 0.20 और मोटापा शून्य है, जबकि कार या दोपहिया वाहन से आने वाली लड़कियों में ओवर फैट फीसद 4.1 और मोटापा 5.7 फीसद तक है।
फिजिकल एजुकेशन विभाग के प्रमुख डॉ. निशान सिंह ने बताया कि यह शोध उनकी छात्रा अकविंदर कौर ने की है। शोध में ओवर फैट और मोटापे के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। आर्थिक तौर से संपन्न परिवारों में ओवर फैट फीसद 58 फीसद के पार चला गया है, जबकि मोटापा भी 15.7 फीसद तक है। मध्यम वर्गीय परिवारों में ओवर फैट का फीसद 4.0 फीसद और मोटापा शून्य पर है। बीपीएल परिवारों में ओवर फैट की स्थिति 0.10 फीसद और मोटापा शून्य पर है।