Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 01:50 PM
जिला मैजिस्ट्रेट पटियाला कुमार अमित ने फौजदारी जाब्ता संहिता 1973 (1974 का एक्ट नंबर 2) की धारा 144 के अधीन प्राप्त हुई शक्तियों का प्रयोग करते हथियार डिपो बDistrict Magistrate issued guidelines arms depotरसट, तहसील और जिला पटियाला के आसपास के 1000...
पटियाला (जोसन): जिला मैजिस्ट्रेट पटियाला कुमार अमित ने फौजदारी जाब्ता संहिता 1973 (1974 का एक्ट नंबर 2) की धारा 144 के अधीन प्राप्त हुई शक्तियों का प्रयोग करते हथियार डिपो बरसट, तहसील और जिला पटियाला के आसपास के 1000 गज (914.4 मीटर) के एरिया में बिल्डिंगों की किसी भी किस्म का कोई निर्माण न करने और साथ लगती जमीनों के मालिकों की तरफ से नाड़/गेहूं और धान के अवशेष को जलाने पर पूर्ण तौर पर पाबंदी लगाने के हुक्म जारी किए हैं। ये आदेश 21 फरवरी 2018 तक लागू रहेंगे।
आदेशों के मुताबिक पटियाला स्टेशन हैडक्वार्टर, पटियाला की तरफ से जिला मैजिस्ट्रेट दफ्तर के ध्यान में लाया गया है कि भारत सरकार ने नोटीफिकेशन नं. पी.सी. 7 एस.एफ. बी/5042 /एल.डब्ल्यू (वैस्ट) 179 के अधीन वर्क्स और डिफैंस एक्ट, 1903 (7 ऑफ 1903) जो कि डिफैंस मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली की तरफ से पार्ट 2 सैक्शन 4 तारीख 30 जुलाई 2004 के द्वारा जारी किया गया है।
एस.आर.ओ. 119 में लिखा गया है कि हथियार डिपो, बरसट जिला पटियाला के 1000 गज (914.4 मीटर) के एरिया में बिल्डिंगों या किसी भी किस्म का कोई निर्माण न किया जाए और यह एरिया खाली रखा जाए। इसके अलावा हथियार डिपो के नजदीक जिन किसानों की जमीनें हैं, वे फसल की नाड़ को जला देते हैं। इसलिए हथियारखाने की हिफाजत के लिए, इस नोटीफिकेशन में दिखाए दिशा-निर्देशों अनुसार और आम जनता की सुरक्षा को मुख्य रखते हुए यह जरूरी हो गया है कि इस संबंधी पाबंदी के हुक्म जारी किए जाएं।
गौवंश की ढुलाई पर पाबंदी के आदेश जारी
जिला मैजिस्ट्रेट पटियाला कुमार अमित ने फौजदारी जाब्ता संहिता 1973 (1974 का एक्ट नं. 2) की धारा 144 के अधीन प्राप्त हुए अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिला पटियाला की हद में शाम को सूरज डूबने के बाद और प्रात:काल सूरज चढऩे से पहले गौवंश की ढुलाई पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई है और जिन लोगों ने गौवंश रखे हुए हैं उनको पशु पालन विभाग के पास रजिस्टर्ड करवाने के आदेश दिए हैं।
आदेशों में कहा गया है कि आम देखने में आया है बेसहारा गऊओं के कारण रात के समय सड़क पर कई बार एक्सीडैंट हो जाते हैं। इस कारण आम लोगों का जानी और माली नुक्सान भी होता है। एक्सीडैंट के कारण गौवंश संबंधी कई बार लोगों द्वारा यह आरोप लगाया जाता है कि इनको किसी शरारती तत्वों ने मार कर फैंक दिया है जिस के साथ समाज के बड़े वर्ग में बेचैनी फैलती है।
जिला मैजिस्ट्रेट ने डिप्टी डायरैक्टर पशु पालन पटियाला को निर्देश दिए कि यह यकीनी बनाया जाए कि जिले के शहरों और गांवों में जिन लोगों ने गौवंश रखा हुआ है, वे उनको रजिस्टर्ड जरूर करवाएं जिससे आने वाले समय में गौवंश को लेकर कोई असुखद घटना न घट सके और गौवंश की सुरक्षा संबंधी प्रयत्न किए जा सकें। यह हुक्म 21 फरवरी 2018 तक लागू रहेंगे और इन आदेशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।