Edited By Updated: 27 Sep, 2015 03:55 PM
पंजाब सरकार के सहयोग से पटियाला को विरासत की हब के तौर पर विकसित करने का काम तेज हो गया है।
पटियाला(जोसन): पंजाब सरकार के सहयोग से पटियाला को विरासत की हब के तौर पर विकसित करने का काम तेज हो गया है। इसी के चलते यूनैक्स की टीम द्वारा पटियाला का दौरा करने के बाद पटियाला विरासत की शान माने जाते शीशमहल पर पंजाब टूरिज्म डिवैल्पमैंट कार्पोरेशन के चेयरमैन सुरजीत सिंह अबलोवाल ने अचानक छापा मारा। चैकिंग दौरान इसमें करोड़ों रुपए की हो रही मुरम्मत में कमियां पाई गई हैं।पटियाला को विरासत का हब बनाने के लिए शीशमहल से सैलानियों को करीब 8 वर्ष से दूर कर रखा है, जिसके लिए पंजाब सरकार ने अलग-अलग तरीकों से करीब अढ़ाई करोड़ रुपए जारी किए थे, जिसके लिए साई कांट्रैक्टर पटियाला व राजपूताना कांट्रैक्टर राजस्थान ने काम करने का ठेका लिया था, पर काम में 37 किस्म की कमियां पाई गई हैं। इसमें दीवारों पर की गई लिपाई में खोखलापन रह गया, दीवारों में लगी दीमक लगी लकड़ी भी ठीक नहीं की गई थी।
पंजाब सरकार द्वारा दावा किया जा रहा था कि यह आर्ट गैलरी एक महीने में ही लोगों के हवाले कर दी जाएगी पर अब इसकी संभावना कम रही है। वर्णनीय है कि शीशमहल महाराजा नरिन्द्र सिंह ने 1847 में बनाना शुरू किया था। यह महल में सीढ़ीदार चबूतरों, बागों, फव्वारों, सुओं व मन्सूई (बनावटी) झील से घिरा हुआ था। महाराजा नरिन्द्र सिंह द्वारा शुरू किए इस महल को महाराजा भूपिन्द्र सिंह ने मुकम्मल करवाया था पर पिछले समय में इसकी देखरेख न होने से उसकी हालत दयनीय हो गई थी। सैलानियों के लिए इसके दरवाजे 9 साल से बंद हैं। राजपूताना कांट्रैक्टर के इंजीनियर एम.पी. शर्मा ने कहा कि शीशमहल में चल रहे काम में कुछ कमियां रह गई थीं जिनको पूरा करने का हमने 6 महीने से एक साल का समय मांगा है।