Edited By Updated: 25 Sep, 2015 06:32 PM
अकाल तख्त साहिब में हुई जत्थेदारों की बैठक में सिरसा के विवादित सच्चा सौदा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ..
जालंधर (बुलंद): अकाल तख्त साहिब में हुई जत्थेदारों की बैठक में सिरसा के विवादित सच्चा सौदा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह इंसां को उसके 2007 के मामले में माफी देने का मामला सिख समुदाय में एक नया विवाद खड़ा कर गया है।
मामले में जहां जत्थेदारों ने डेरा प्रमुख को चेतावनी देकर भविष्य में गुरु साहिबान की नकल न करने का आदेश दिया वहीं इस मामले में जत्थेदारों ने बड़ा विवाद यह खड़ा किया कि डेरा प्रमुख को अकाल तख्त के समक्ष पेश होने से छूट दी व उसकी एक वीडियो सी.डी. व 2007 में भेजे गए एक माफीनामे के आधार पर ही माफी दे दी गई।
मामले में सिख समुदाय के पंथक नेताओं में गुस्से की लहर दौड़ गई है। मामले बारे पंथक नेताओं ने इस प्रकार विचार प्रकट किए।
अकाली दल अमृतसर के सी. उप प्रधान ध्यान सिंह मंड ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने एक बार फिर से सिख पंथ को आर.एस.एस. के हाथों बेच कर अकाल तख्त के जत्थेदारों के जरिए पंथ के दुश्मन गुरमीत राम रहीम को माफी दिलाई है। सिख समाज को अकाल तख्त का गलत इस्तेमाल करने वाले जत्थेदारों के खिलाफ संघर्ष करना चाहिए।
शिरोमणि गु.प्र. कमेटी के पूर्व प्रधान जागीर कौर ने कहा कि अकाल तख्त साहिब सर्वोपरि है व अगर जत्थेदारों ने कोई फैसला लिया है तो सोच-समझ कर ही लिया होगा। उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख ने अकाल तख्त साहिब में लिखित व वीडियो सी.डी. के जरिए माफी मांगी है व अकाल तख्त की सारी शर्तें मानी हैं तभी उसे माफी दी गई है।
दिल्ली गुरुद्वारा मैनेजमैंट बोर्ड के पूर्व प्रधान परमजीत सिंह सरना ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल ने गुरमीत राम रहीम को अकाली तख्त से माफी दिला कर असल में आर.एस.एस. को खुश किया है व डेरा समर्थकों की वोट लेने की चाल चली है। बादल पूरे सिख पंथ व गुरु साहिबान का दोषी है व इस पाप की सजा उसे मिलेगी।