Edited By Updated: 29 Jul, 2015 11:33 AM
दीनानगर आतंकी हमले में शहादत का जाम पीने वाले गांव सैदीपुर के कांस्टेबल बोध राज ने सबसे पहले आतंकी हमले का मुंंहतोड़ जवाब देते हुए शहीदी प्राप्त की।
दीनानगर(कपूर, दीपक/शारदा/विक्की/अरुण,): दीनानगर आतंकी हमले में शहादत का जाम पीने वाले गांव सैदीपुर के कांस्टेबल बोध राज ने सबसे पहले आतंकी हमले का मुंंहतोड़ जवाब देते हुए शहीदी प्राप्त की।
शहीद बोध राज का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में किया गया। शहीद के 10 वर्षीय बेटे तरुणदीप ने अपने शहीद पिता के चिता को मुखाग्नि दी व पंजाब पुलिस के जवानों ने बैंड की मातमी धुन व हवा में गोलियां दागकर अंतिम सलामी दी।
शहीद की पत्नी सुदेश कुमारी व बच्चों की चीखें पत्थरों का भी कलेजा चीर रही थी वहीं ‘शहीद बोध राज अमर रहे’ के गगनभेदी नारों से आसमान गुंजायमान हो उठा।
‘आई एम प्राऊड ऑफ माई पापा’
शहीद कांस्टेबल बोध राज की अंत्येष्टि के समय उस समय रुदन और गहरा गया जब शहीद की बेटी निशा ने आंसुओं से लबालब अपने चेहरे को पोंछते हुए गगनभेदी लहजे में कहा ‘आई एम प्राऊड ऑफ माई पापा’। यह एक होनहार बेटी का अपने शहीद पिता को उसकी शहादत पर अंतिम सलाम था।
घर का खर्च चलाने वाला सहारा नहीं रहा
शहीद पंजाब होमगार्ड का जवान था, जोकि दीनानगर पुलिस थाने में तैनात था और आतंकी हमले के दौरान दीनानगर पुलिस थाने में रात्रि की ड्यूटी पर था। जैसे ही दोपहर को शहीद सुखदेव का शव उसके पैतृक गांव पहुंचा तो फिजा और गमगीन हो गई तथा परिवारिक सदस्यों के रुदन से आसमान का कलेजा भी चीख उठा।
बच्चों ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जहां उन्हें इस बात का गर्व है कि उनके पिता आतंकियों से लोहा लेते हुए देश के लिए शहीद हुए हैं, वहीं उन्हें दुख इस बात का है कि सिर से पिता का साया उठ गया है व घर का खर्च चलाने वाला सहारा नहीं रहा।
परिजन क्या, हर व्यक्ति का था बुरा हाल
आतंकवादी हमले में तीन सिविलियन भी मारे गए थे। उनमें से अमरजीत पुत्र प्रकाश चंद निवासी गांव जगतपुर थाना कानवां का आज गांव जगतपुर में अंत्येष्टि कर दी गई। स्थानीय किरण अस्पताल में उपचाराधीन गुलाम रसूल निवासी शाहपुर दबुर्जी की आतंकवादियों की गोली लगने से अस्पताल में ही मौत हो गई थी, को आज गांव मुस्लिम रीति-रिवाजों के साथ शाह क्रीम कब्रिस्तान गांव पन्याड़ में दफनाया गया। वहीं परिजनों के साथ-साथ वहां मौजूद हर व्यक्ति का बुरा हाल था।