Edited By Updated: 10 Oct, 2016 05:25 PM
एक तरफ पंजाब सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जरूरतमंद लड़कियों के विवाह मौके शगुन स्कीम के तहत तुरंत 15 हजार रुपए देने का जोर-शोर से ढिंढोरा पीटा जा रहा है
नूरपुरबेदी (संजीव) : एक तरफ पंजाब सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जरूरतमंद लड़कियों के विवाह मौके शगुन स्कीम के तहत तुरंत 15 हजार रुपए देने का जोर-शोर से ढिंढोरा पीटा जा रहा है जबकि दूसरी तरफ असलियत यह है कि कई अभिभावक उक्त राशि हासिल करने के लिए सरकारी कार्यालयों में धक्के खाने को विवश हैं व जिनकी कहीं भी सुनवाई न होने पर सरकार व प्रशासन की ढीली कार्यप्रणाली की तस्वीर झलकती है।
इसकी एक ताजा मिसाल ब्लॉक के गांव बसाली की विधवा कृष्णा देवी की हालत को देखकर मिलती है। उसने बताया कि 21 वर्ष पहले उसके पति की मौत हो चुकी व परिवार की आर्थिक हालत काफी खस्ता है। उसे अपनी लड़कियों के विवाह के लिए सरकार द्वारा दी जा रही शगुन स्कीम तो हासिल नहीं हो सकी मगर संबंधित कार्यालय के बार-बार चक्कर लगाकर उसे परेशान जरूर होना पड़ा है। कृष्ण देवी ने बताया कि उसने अपनी एक लड़की जीवन ज्योति का विवाह 10 नवम्बर, 2008 और दूसरी लड़की पूनम रानी का विवाह 24 जून, 2012 को किया था।
दोनों लड़कियों के विवाह के कुछ समय बाद ही शगुन स्कीम की राशि का लाभ लेने के लिए एस.सी., बी.सी. वैल्फेयर विभाग के कार्यालय आनंदपुर साहिब में फाइलें जमा करवाई थीं, मगर एक विवाह को 8 और दूसरे विवाह को 4 वर्ष का समय बीत जाने पर भी उसे शगुन स्कीम की राशि हासिल नहीं हो सकी है। उसने बताया कि उसकी 5 बेटियां हैं और पति की मौत के बाद घर की हालत आर्थिक पक्ष से काफी कमजोर होने पर व लोगों के घरों में कार्य करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही है। उसने अपनी लड़कियों का विवाह भी लोगों के सहयोग ही से ही किया है। उसने बताया कि कई व्यक्तियों द्वारा बाद में आवेदन करने पर भी राशि हासिल हो चुकी है जबकि कई वर्ष बीत जाने पर भी उक्त सहायता राशि नहीं मिली है। विधवा कृष्णा देवी ने डिप्टी कमिश्नर रूपनगर करनेश शर्मा से गुहार लगाई है कि उसके परिवार की हालत को देखते हुए जल्द शगुन स्कीम की राशि दिलाई जाए।