Edited By Updated: 15 Mar, 2017 12:58 AM
पंजाब और गोवा में हार के बाद आप नेता संजय सिंह और दुर्गेश पाठक के ...
नई दिल्ली/चंडीगढ़: पंजाब और गोवा में हार के बाद आप नेता संजय सिंह और दुर्गेश पाठक के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई है। कारण यह है कि दोनों ही पंजाब में पिछले एक साल से सक्रिय थे। दोनों की देखरेख में ही पार्टी ने पंजाब का चुनाव लड़ा और हार की जिम्मेदारी भी उन्हीं की बनती है।
पार्टी के कुछ पुराने नेताओं और कार्यकत्र्ताओं का कहना है कि जब लोकसभा चुनाव में हार के लिए योगेन्द्र यादव को जिम्मेदार ठहरा कर कार्रवाई की गई थी तो फिर अब भी की जानी चाहिए। अब आप ने आत्म मंथन शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा विचार जिस बात पर किया जा रहा है वह है कि हार का ठीकरा किसके सिर फोड़ा जाए।पार्टी सूत्रों केअनुसार पंजाब में मिली हार के बाद से पार्टी के बड़े नेताओं में काफी नाराजगी है। नाराजगी हार पर नहीं बल्कि गलत आकलन पर है। यही कारण है कि अब पार्टी हार पर आत्म मंथन कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी का एक धड़ा संजय सिंह और दुर्गेश पाठक पर कार्रवाई के लिए दबाव बना रहा है। उसकी मुख्य वजह यह भी है कि इन दोनों के कहने पर ही पंजाब चुनाव से या प्रचार से कुमार विश्वास, आशीष खेतान आदि जैसे वरिष्ठ नेताओं को दूर रखा गया था। पार्टी के प्रचार-प्रसार, टिकट वितरण आदि की सारी रणनीति संजय सिंह और दुर्गेश पाठक ने ही बनाई।इन दोनों पर जो सबसे बड़ी लापरवाही की बात कही जा रही है कि इन लोगों ने सिर्फ मालवा क्षेत्र पर ही सारा जोर दिया। दोआबा और माझा पर ज्यादा मेहनत नहीं की गई। वहां के स्थानीय चेहरों को दूर करवाने में भी इन दोनों को ही कारण माना जा रहा है।
पंजाब के तत्कालीन संयोजक सुच्चा सिंह छोटेपुर को इन दोनों ने पैसे के लेन-देन के आरोप में बाहर करवाया था जबकि छोटेपुर ने इन दोनों पर पैसे का आरोप लगाया था। इसके अलावा वहां के लोकल लीडर सुखपाल सिंह खहरा को भी प्रचार से दूर रखा गया। कुछ आवाज पंजाब से पार्टी के सांसद भगवंत मान के खिलाफ भी उठ रही है। सूत्रों का कहना है कि मान अपनी सीट भी नहीं बचा पाए। उन पर पार्टी से निष्कासित सांसद धर्मवीर गांधी दिन में ही शराब पीने का आरोप भी लगा चुके हैं।