Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Sep, 2017 02:41 PM
कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव एवं पूर्व प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना ने अपनी वायरल की गई एक वीडियो के जरिए स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत
अमृतसर (महेन्द्र): कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव एवं पूर्व प्रवक्ता मनदीप सिंह मन्ना ने वायरल वीडियो के जरिए स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पर अब तक का सबसे बड़ा सियासी हमला करते हुए उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं जिससे पार्टी में हड़कंप मच गया है।
मन्ना व सिद्धू के बीच आखिर क्यों है इतनी सियासी रंजिश?
वर्णनीय है कि पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन की पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान मन्ना दरअसल अकाली दल (ब) से जुड़े रहे थे और पूर्व डिप्टी सी.एम. सुखबीर सिंह बादल के साथ-साथ पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के भी निकटतम रहे थे, लेकिन वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू को स्थानीय हलका पूर्वी से भाजपा का उम्मीदवार बनाए जाने के पश्चात सुखबीर व मजीठिया ने ही मन्ना को डा. सिद्धू की मदद करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी थी। डा. सिद्धू की चुनाव में जीत के पश्चात दोनों अकाली नेताओं तथा पूर्व सांसद नवजोत सिंह सिद्धू के बीच छत्तीस का आंकड़ा बन चुका था। इसके बावजूद मन्ना का सिद्धू दंपति के निवास पर आना-जाना लगा हुआ था।
जिस पर मन्ना को मजीठिया की कुछ खरी-खरी भी सुननी पड़ी थी। इसके पश्चात मन्ना ने अकाली दल (ब) से किनारा कर कांग्रेस पार्टी का दामन थाम हलका पूर्वी से चुनाव लडऩे की तैयारियां शुरू कर दी थीं। हालांकि वहां से कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुनील दत्ती व दिनेश बस्सी सहित और भी कई नेता चुनावी टिकट हासिल करने की दौड़ में लगे हुए थे, लेकिन ज्यों ही इस हलके से सिद्धू दंपति में से किसी एक को टिकट देने की बात सामने आई तो मन्ना ने सिद्धू दंपति का खुल कर विरोध करते हुए खुद ही निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी थी। हालांकि मन्ना को 2 हजार से भी कम वोट मिले थे और उन्हें इस चुनावी रंजिश में बुरी तरह से मुंह की खानी पड़ी थी।
क्या-क्या सिद्धू पर लगाए मन्ना ने गंभीर आरोप
मन्ना ने वायरल की अपनी वीडियो में सिद्धू पर लगाए आरोपों में कहा है कि सिद्धू आए दिन अकाली नेताओं पर आरोप लगाते रहते हैं कि यह लोग पंजाब को खा गए। उन्होंने कहा कि यह सब तो चौथी श्रेणी के छात्र को भी पता है, लेकिन सिद्धू भाजपा के भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ क्यों नहीं बोलते? सिद्धू जब भाजपा में थे तो वह राहुल गांधी को पप्पू और कांग्रेस को मुन्नी कहते थे, वह यह भी कहते थे किदेश को सोने की चिडिय़ा से सोनिया की चिडिय़ा बना दिया है, पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को वह सिख ही नहीं मानते थे, कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को बुरी-बुरी बातें कहते थे, लेकिन आज वह राहुल गांधी को भाई और कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को पिता के समान बता रहे हैं।
फौज सहित भाजपा में सिद्धू जाएंगे वापस
मन्ना ने कहा कि सिद्धू भाजपा के इशारे पर कांग्रेस में शामिल हुए हैं और दहेज में अपने साथ लाई फौज को मौज करवा रहे हैं। यही नहीं, आगामी चुनावों में वह अपने दहेज में अपने साथ लेकर आए अपने चहेतों को ही टिकटें दिलवाएंगे न कि कांग्रेस पार्टी के टकसाली वर्करों को। मन्ना ने सिद्धू पर यह भी आरोप जड़े हैं कि वह भाजपा तथा संघ के इशारे पर ही कांग्रेस पार्टी में एक साजिश के तहत शामिल हुए हैं। कांग्रेस में शामिल होते समय वह दहेज में जिस फौज को अपने साथ लेकर आए हैं, अपना मकसद पूरा होते ही वह उसी फौज के साथ पुन: भाजपा में वापस चले जाएंगे। चुनावों के दौरान तथा जीत के कुछ दिनों के पश्चात सिद्धू ने कहा था कि वह शनिवार को लोगों को खास करके अपने हलके के लोगों को मिला करेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान खुद करवाया करेंगे, लेकिन कितनी हैरत की बात है कि सिद्धू के अपने हलके के लोग आज सिद्धू के दर्शनों को तरस रहे हैं और उनके उन्हें दर्शन ही नहीं हो पा रहे हैं।
सिद्धू की वजह से कांग्रेस नहीं जीती, बल्कि कांग्रेस की बदौलत उनकी हुई जीत
मन्ना ने कहा कि सिद्धू यह भ्रम निकाल दें कि उनके बलबूते पर कांग्रेस की जीत हुई है, क्योंकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस की लहर की वजह से ही उनकी जीत हुई है। मन्ना ने सिद्धू को चुनौती भरे लहजे में कहा कि उन्हें राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी में शामिल करवाया था, न कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने। वह अकाली नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं और भाजपा के नेताओं के खिलाफ कुछ भी नहीं बोल रहे हैं, इसलिए सिद्धू अकाली नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करने की बजाय भाजपा के भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कुछ बोलें और भ्रष्टाचार में संलिप्त नेता को गिरफ्तार करवाएं, ताकि देश में भाजपा का चेहरा बेनकाब हो सके और कांग्रेस की स्थिति मजबूत हो सके।
आवाज-ए-पंजाब की बजाय कहा बर्बाद-ए-पंजाब
मन्ना ने अपनी वायरल वीडियो में सिद्धू पर सियासी हमला करते हुए कहा कि अगर वह खुद को बड़ा स्टार मानने अपनी बढिय़ा साख वाले मानते थे, तो जो उन्होंने अपनी आवाज-ए-पंजाब नाम की नई पार्टी बनाई थी, उसे बर्बाद-ए-पंजाब का नाम देते हुए इस पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ कर दिखाते। ऐसा करने से उन्हें साफ पता चल जाना था कि आखिर राजनीति के मैदान में उनकी कितनी हैसियत थी। मन्ना ने कहा कि सिद्धू को सब पता था कि ऐसा करके उन्हें कामयाबी नहीं मिलनी थी। यही कारण था कि सिद्धू ने अपने स्वार्थों की पूर्ति के लिए कांग्रेस में शामिल होना उचित समझा था।