Edited By Updated: 24 Feb, 2017 10:11 AM
एस.वाई.एल. नहर को खोदने की घोषणा और 23 फरवरी को दिन भर चला सियासी खेल भले ही अभय चौटाला की गिरफ्तारी के साथ खत्म हो गया
जालंधर/पटियालाः एस.वाई.एल. नहर को खोदने की घोषणा और 23 फरवरी को दिन भर चला सियासी खेल भले ही अभय चौटाला की गिरफ्तारी के साथ खत्म हो गया समझ लिया जाए लेकिन जिस तरह से चुनाव परिणाम आने से पहले यह एपिसोड देखने को मिला उससे ऐसा प्रतीत होता है कि पंजाब में 11 मार्च के बाद आने वाली नई सरकार के लिए एस.वाई.एल. मुद्दे पर उलझनें पैदा होती रहेंगी, इससे इन्कार नहीं किया जा सकता। सियासी माहिरों का तो यहां तक कहना है कि पंजाब में अब जो भी सरकार आए मुद्दा ऐसे ही बरकरार रहेगा, क्योंकि कोई भी सरकार एस.वाई.एल. बनाने की हामी नहीं भरने का जोखिम उठा सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश, करना ही होगा एसवाईएल का निर्माण
एस.वाई.एल. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि नहर का निर्माण करना ही होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लिंक नहर में कितना पानी आएगा, ये बाद में तय किया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि पंजाब और हरियाणा समझौता कर नहर बनाएंगे तो बेहतर होगा क्योंकि कोर्ट पहले ही दो आदेश जारी कर चुका है। साथ ही हरियाणा और पंजाब को कानून व्यवस्था बनाए रखने के आदेश भी दिए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि सतलुज यमुना लिंक को लेकर यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश बरकरार रहेंगे. राज्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दोनों राज्यों पर है, पंजाब और हरियाणा दोनों सुनिश्चित करेंगे कि लिंक नहर को लेकर कानून व्यवस्था न बिगड़े।