Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jun, 2017 03:25 PM
बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह के रेत खदान मामले में फंसने के बाद विपक्ष ने आक्रामक रुख अपना लिया है।
बिजली मंत्री राणा गुरजीत सिंह के रेत खदान मामले में फंसने के बाद विपक्ष ने आक्रामक रुख अपना लिया है। अकाली दल-भाजपा मिलकर इस मामले में सरकार की घेराबंदी में जुटे हैं। इस पूरे मामले में चल रही सियासत के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने चुनाव में हार के बाद अपना पहला डिटेल्ड इंटरव्यू दिया है। पेश हैं पंजाब केसरी के संवाददाता रमनदीप सिंह सोढी के साथ सुखबीर की बातचीत का पूरा ब्यौरा:
प्र. आप पंजाब सरकार के अब तक के प्रदर्शन को किस तरह से देखते हैं?
उ. पिछले अढ़ाई महीने में सच्चाई लोगों के सामने आ गई है। आप देश में पिछले 5 दशकों की राज्य सरकारों के काम का मूल्यांकन करेंगे तो यह पहली सरकार है जहां इतनी छोटी अवधि में सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा पनपने लगा है। अढ़ाई महीने में ही कांग्रेस ने स्कैंडल करने शुरू कर दिए हैं। जो वायदे किए थे उनसे सरकार मुकरने लगी है और मुख्यमंत्री एक ऐसा मुख्यमंत्री बन गया है जो जनता के बीच जाता ही नहीं, जिसे पता ही नहीं कि पंजाब में क्या हो रहा है। आज पंजाब में गैंगवार चल रही है, लोगों के साथ लूट हो रही है, श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी हो रही है लेकिन मुख्यमंत्री को परवाह नहीं है। मुख्यमंत्री पंजाब में ही नहीं आते। जो मुख्यमंत्री अढ़ाई महीने में पंजाब में न जाए, उस सरकार के बारे में क्या कहा जाए।
प्र. सरकार का कहना है कि अकाली दल ने सिस्टम बिगाड़ दिया था इसलिए समय लग रहा है?
उ. मुख्यमंत्री वक्त की बात तब करें यदि वह दफ्तर में बैठते हों। यदि वह दफ्तर बैठते हों तो वह कह सकते हैं कि वह समय लगा रहे हैं परन्तु वह पिछले अढ़ाई महीने में एक दिन भी अपने दफ्तर नहीं गए। जो मुख्यमंत्री दफ्तर नहीं आता, पंजाब में नहीं आता, मुझे नहीं पता कि मुख्यमंत्री समय कहां बिता रहे हैं।
प्र. आप सरकार में होते तो ऐसे मामले में क्या एक्शन लेते?
उ. सबसे पहले मैंने राणा गुरजीत को डिसमिस करना था क्योंकि यह स्पष्ट मामला है। इसमें न तो कोई आरोप है और न ही कोई संदेह है। सारे तथ्य सामने हैं। एक व्यक्ति एक लाख रुपए की तनख्वाह ले रहा है और वह 26 करोड़ रुपए रेत के खड्ड की बोली लगा रहा है। इससे ज्यादा साफ मामला क्या हो सकता है।
प्र. कांग्रेस 150 करोड़ रुपए राजस्व हासिल करने की बात कह रही है। क्या आपको लगता है कि रेत सस्ती बिक सकेगी?
उ. हमारी सरकार का मकसद जनता को सस्ती रेत मुहैया करवाना था। हमने सबसे कम दाम पर ई-टैंडरिंग के जरिए रेत की खदानें अलॉट की थीं। रेत के दाम हमारी सरकार के मुकाबले अढ़ाई महीने में ही 3 गुणा हो चुके हैं। जब अलॉट की गई खदानों से रेत निकलनी शुरू होगी तो इसके दाम लाख से लेकर सवा लाख रुपए प्रति ट्रक तक पहुंच सकते हैं।
प्र. राणा गुरजीत के मामले में अकाली दल आम आदमी पार्टी के मुकाबले सुस्त क्यों लग रहा है?
उ. अकाली दल एक सिस्टम के साथ काम करता है। हम इस मामले में लम्बी अवधि की रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। हमने कोर कमेटी की मीटिंग की है।
उसमें हमने राणा गुरजीत के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इसके बाद हम जिला स्तर पर यह मांग करेंगे। आम आदमी पार्टी का अपना स्टाइल है। हमारा अपना स्टाइल है। दोनों की तुलना नहीं हो सकती। आम आदमी पार्टी निराशा के आलम में है। वह सोच रहे थे कि सरकार बनाएंगे लेकिन पंजाब के लोगों ने नकार दिया। दिल्ली में उनकी जमानतें जब्त हो रही हैं। लिहाजा मीडिया में बने रहने के लिए वह इस तरह की हरकतें कर रहे हैं।
प्र. पंजाब में कांग्रेस को लेकर आपका आकलन गलत क्यों साबित हुआ?
उ.पंजाब में कांग्रेस को 38 फीसदी वोट मिले हैं, अकाली दल भाजपा को 31 फीसदी और आम आदमी पार्टी को 23 फीसदी वोट मिले हैं। अकाली दल और कांग्रेस के बीच 3 से 4 फीसदी वोट का फर्क पड़ा है। हमारे 4 फीसदी वोट जुड़ जाएं और कांग्रेस के कम हो जाएं तो हम बराबर हो जाएंगे। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने अकाली दल के खिलाफ झूठा प्रचार ज्यादा कर दिया। लोगों को आम आदमी पार्टी से नफरत हो गई थी क्योंकि जनता को अंदाजा हो गया था कि यह लोग पंजाब के हित के खिलाफ काम कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस और आम आदमी के झूठे प्रचार के कारण हमें नुक्सान हुआ। लोगों को डर था कि आम आदमी पार्टी की सरकार न जाए इसलिए लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया। कांग्रेस भी इतनी सीटों की उम्मीद नहीं कर रही थी। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह खुद 40 सीटों की उम्मीद लगा कर बैठे थे। पर अब लोग पछता रहे हैं कि उन्होंने गलती कर दी।
प्र. चुनावी हार के लिए क्या मंथन किया गया है, पार्टी स्तर पर क्या गलती हुई है?
उ. हमारे खिलाफ झूठा प्रचार किया गया। पंजाब को नशे में जकड़ा राज्य कह कर बदनाम किया गया। कांग्रेस ने कहा कि 70 फीसदी नौजवान ड्रग्स ले रहे हैं। मैं अब यह पूछना चाहता हूं कि वह 70 फीसदी नौजवान कहां है? उन्हें कौन से नशा छुड़ाऊ केंद्र में भर्ती किया गया है। कितने नौजवानों ने नशा छोड़ा है। पिछले अढ़ाई महीने में सिर्फ 2 किलो ड्रग्स पकड़ा गया है। रेता-बजरी और ड्रग्स व अन्य मामलों में विरोधियों द्वारा बोले गए झूठ के चलते लोग हमारे अच्छे काम भूल गए लेकिन अब मुख्यमंत्री मुम्बई में उद्योगपतियों के साथ बैठक में उन्हें बता रहे हैं कि पंजाब में सरप्लस पावर है। हमारी सड़कें अच्छी हैं। हमने एयरपोर्ट बना दिए हैं। कैप्टन हमारी ही सरकार की तारीफें उद्योगपतियों के सामने कर रहे हैं। पहले वह ये चीजें मानने को तैयार नहीं थे। जनता अब अढ़ाई महीने में इनकी सच्चाई जान चुकी है और सभी यह कह रहे हैं कि जो काम अकाली दल और भाजपा सरकार ने किए हैं वह कांग्रेस सोच भी नहीं सकती। कांग्रेस और मुख्यमंत्री की काम करने में रुचि भी नहीं है जो मुख्यमंत्री राज्य में नहीं जाता उसकी राज्य के विकास में क्या रुचि हो सकती है।
प्र. आप अढ़ाई महीने की सरकार को 10 में से कितने अंक देंगे?
उ. मैं कहता हूं कि सरकार को माइनस टैन (-10) अंक मिलने चाहिएं। इस सरकार को उसी तरह से एक्सपैल कर देना चाहिए जिस तरह से नालायक विद्यार्थी को स्कूल में से निकाल दिया जाता है। कांग्रेस ने पंजाब में संकट पैदा कर दिया है। सरकार के विधायक और मंत्री शराब के ठेकों, रेत और बजरी की लूट में जुटे हैं। कांग्रेस भूखे शेरों की तरह राज्य को नोच रही है। लेबर कांट्रैक्ट में भी कांग्रेस के विधायक पैसे खा रहे हैं। हर ट्रक यूनियन पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है। भटिंडा ट्रक की यूनियन में उनके विधायक 3 हजार रुपए प्रति ट्रक की पर्ची ले रहे हैं।
प्र. भाजपा के साथ मिलकर क्या रणनीति बनाई गई है?
उ. हमने मिलकर सांझा रणनीति तैयार की है। 9 जून को अकाली-भाजपा मिलकर सारे जिला हैडक्वार्टर पर धरने देंगे। 14 जून को हम गवर्नर के साथ मुलाकात करने जा रहे हैं। विधानसभा सैशन में इस मुद्दे को उठाया जाएगा। इस मामले में अकाली दल और भाजपा का तालमेल और मजबूत किया जाएगा और जो-जो मुद्दा आएगा हम सरकार के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ते रहेंगे। सरकार ने किसानों को झूठ बोला था कि वह कर्जा माफ कर देंगे।
प्र. कुर्की माफी का मसला क्या है?
उ. कुर्की न करने का सरकार ने जो सैक्शन सरकार ने कानून से हटाया है उसका पिछले 20 साल से इस्तेमाल नहीं हुआ। कुर्की को लेकर जो असली सैक्शन है, जिसके तहत कुर्की होती है वह सैक्शन नहीं हटाए गए हैं। सरकार इस मामले में किसानों की आंखों में धूल झोंक रही है। कांग्रेस की रणनीति है कि कोई न कोई ड्रामा करते रहो। अब यह सारी चीजें सामने आ रही हैं। यह कहते थे कि कर्जा माफ करेंगे। बेचारे किसानों ने बैंकों को किस्त अदा करनी बंद कर दी। बैंकों का एन.पी.ए. बढ़ रहा है। भविष्य में बैंक किसानों को लोन नहीं देंगे। हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि सरकार इस बजट के अंदर अपने वायदे के मुताबिक किसानों का कर्ज माफ करे।
प्र. क्या सरकार बदलने से आपके प्रोजैक्टों पर कोई फर्क पड़ा है?
उ. कांग्रेस ने राज्य का विकास रोक दिया है, जहां उद्घाटन की ईंट लगी थी वह ईंट भी कांग्रेसी उखाड़ कर ले गए हैं। गांव और शहरों में विकास के सारे कार्य बंद कर दिए गए हैं। अकाली वर्करों और दलितों पर झूठे केस दर्ज किए जा रहे हैं और कांग्रेस के कार्यकत्र्ता झूठे केस दर्ज होने के बाद शेखियां बघार रहे हैं लेकिन उन्हें पता नहीं है कि अकाली दल अपने वर्करों के साथ खड़ा है और कांग्रेस के साथ हम डट कर लड़ाई लड़ेंगे। मैं पंजाब का टूर करने जा रहा हूं और हम अपनी कानूनी टीम भी अकाली वर्करों की सहायता के लिए मुहैया करवाएंगे और हर मामले को मुकाम तक पहुंचाएंगे।
प्र. चुनाव के बाद आपसे मिलना कठिन क्यों हो गया है?
उ. आप मेरे बारे में बोल रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री के बारे में क्या बोलोगे? उन्हें मिलना तो असंभव है। कैप्टन ने अपने ओ.एस.डी. को अपने घर घुसने पर रोक लगा दी है। मैं तो जनता में जा रहा हूं। 30 विधानसभा हलकों में जा चुका हूं लेकिन पिछले अढ़ाई महीने में क्या मुख्यमंत्री एक बार भी जनता के बीच आए हैं। मैं अमृतसर में 10 बार होकर आया हूं लेकिन मुख्यमंत्री सिर्फ एक बार गए हैं।
प्र. मुख्यमंत्री के के.पी.एस. गिल के भोग पर जाने को आप किस तरह से देखते हैं?
उ. पंजाब में अमन शांति के.पी.एस. गिल नहीं लेकर आए। पंजाब की अमन शांति पंजाब के लोग लेकर आए हैं। हमने के.पी.एस. गिल के बारे में गलत धारणा बना रखी है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने खुद अपनी किताब में लिखा है कि उन्होंने 21 व्यक्तियों का आत्मसर्पण करवाया था और वह 21 व्यक्ति मारे गए। उस समय डी.जी.पी. के.पी.एस. गिल थे। जिन मासूम बच्चों को मारा गया है और मुख्यमंत्री खुद कह रहे हैं कि 21 व्यक्तियों को मारा गया है। इस तरह से मारे गए हजारों व्यक्तियों को इंसाफ कब मिलेगा।