Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 11:21 PM
शिरोमणि अकाली दल (बादल) के मुखिया और पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने पंजाब के सीमावर्ती पहाड़ी राज्यों को मिलने वाले औद्योगिक रियायतों पर सवाल खड़े किए
नई दिल्लीः शिरोमणि अकाली दल (बादल) के मुखिया और पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर बादल ने पंजाब के सीमावर्ती पहाड़ी राज्यों को मिलने वाले औद्योगिक रियायतों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इस संबंध में वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर इसकी समीक्षा की बात कही। साथ ही उन्होंने पंजाब को भी रियायती पैकेज देने की मांग की।
सोमवार को दिल्ली में वित्तमंत्री से मुलाकात के बाद दिए मांग पत्र में अकाली मुखिया का कहना था कि पंजाब के पड़ोसी पहाड़ी राज्यों ने दो दशकों से औद्योगिक रियायतों के बड़े पैमाने पर वित्तीय पैकेज का आनंद ले रहे हैं। इन रियायतों को शुरू में दस वर्षों के लिए दिया गया था लेकिन बाद में इसे बढ़ा दिया गया था और अब 2027 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।
उनका कहना था कि केंद्र सरकार का यह निर्णय पंजाब और उसकी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। एेसे में इन राज्यों को मिलने वाली रियायतों की समीक्षा होनी चाहिए। अकाली मुखिया ने पत्र में कहा कि पंजाब राज्य दशकों से आतंकवाद सहित तमाम समस्याओं से जूझता रहा है। एेसे में व्यापार और उद्योग के अलावा, पहले से ही अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों, मुख्य रूप से कृषि और सेवा क्षेत्रों पर प्रभाव पड़ा है।इसलिए पंजाब को भी अन्य राज्यों की तरह विशेष पैकेज मिलना चाहिए।
पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम का कहना था कि, विशुद्ध रूप से योग्यता पर, कोई भी राज्य इन रियायतों के हकदार नहीं है पंजाब की तुलना में जो देश का एकमात्र हिस्सा है जो शत्रुतापूर्ण सीमा पर स्थित है और दो दशकों से विदेशी आतंकवाद का सामना करता आ रहा है। इस वजह से, हमारी अर्थव्यवस्था ने एक गंभीर चोट दी है इसलिए पंजाब इन रियायतों का सबसे पहला हकदार है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम यहां महान आशा और यथार्थवादी और न्यायोचित उम्मीदों के साथ हैं, ताकि आप पंजाब के साथ भेदभाव को समाप्त कर सकें।