Edited By Updated: 13 May, 2017 09:05 AM
कांग्रेस सरकार में लोकल बॉडीज विभाग की कमान नवजोत सिद्धू के हाथ में आने के बाद से अफसरों को झटके देने का सिलसिला लगातार जारी है।
लुधियाना (हितेश): कांग्रेस सरकार में लोकल बॉडीज विभाग की कमान नवजोत सिद्धू के हाथ में आने के बाद से अफसरों को झटके देने का सिलसिला लगातार जारी है। इसके तहत अकाली-भाजपा सरकार द्वारा पिछले साल दिसम्बर में प्रमोट करके सैक्रेटरी बनाए गए 14 अफसरों को रिवर्ट करके वापस सुपरिंटैंडैंट लगाए जाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि रिटायरमैंट के बाद एक्सटैंशन पर चल रहे नगर निगम सचिव हरतेज सिंह की सेवाएं खत्म कर दी गई हैं।
इस संबंधी एडीशनल चीफ सैक्रेटरी के हवाले से जारी आदेशों के मुताबिक यह कार्रवाई निगम के ही एक पूर्व कर्मी द्वारा हाईकोर्ट में लगाए केस के आधार पर हुई है। जिसमें यह मुद्दा उठाया गया कि 2008 की एक चार्जशीट पैंङ्क्षडग होने के बावजूद हरतेज सिंह को रिटायरमैंट के बाद एक्सटैंशन कैसे दे दी गई जिसे लेकर उस मुलाजिम ने पहले अक्तूबर 2015 में सरकार को शिकायत की और फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस पर अदालत ने अगस्त 2016 में बनती कार्रवाई करने के आदेश दिए।
शिकायतकत्र्ता के मुताबिक एक प्रापर्टी को नया नंबर लगाने सहित उसके हाऊस टैक्स की असैस्मैंट का फैसला व टी.एस. वन हरतेज सिंह ने सुपरिंटैंडैंट रहते जारी किया। जो उनके अधिकार क्षेत्र में न होकर जोनल कमिश्नर की कपैस्टी में था। हालांकि इस मामले में कमिश्नर ने सरकार को रिपोर्ट भेज दी कि सारा काम क्लर्क व इंस्पैक्टर की गलती से हुआ, इस बारे पता लगने पर प्रापर्टी को लगा नंबर रद्द कर दिया गया और उसे चुनौती देने वालों ने अपनी शिकायत वापस ले ली। इस पर अप्रैल 2015 में लोकल बॉडीज के सैक्रेटरी ने चार्जशीट ड्रॉप कर दी। जिसे निगम के पूर्व मुलाजिम ने चुनौती दी तो सभी पक्षों को निजी सुनवाई का मौका दिया गया। इसके मद्देनजर चार्जशीट ड्रॉप करने के फैसले को गलत बताया गया और दोबारा से रैगुलर जांच के आदेश दिए। उसके तहत हरतेज सिंह को रिटायरमैंट के बाद दूसरे साल में मिली एक्सटैंशन को खत्म कर दिया गया।